बाघ (सोर्स: सोाशल मीडिया)
Tiger-Leopard Terror In Gondia: पिछले सप्ताह हुई दो घटनाओं ने जिले के ग्रामीण निवासियों को हिलाकर रख दिया है। देवरी तहसील के धमदीटोला में एक तेंदुए ने गहरी नींद में सो रही महिला पर हमला कर उसे मौके पर ही मार डाला। अर्जुनी मोरगांव तहसील के संजयनगर में एक पांच वर्षीय लड़के पर तेंदुए ने हमला कर उसे मार डाला। ये दोनों घटनाएं तड़के गांव में हुईं।
इन घटनाओं के बाद ग्रामीणों का आक्रोश भड़कने पर वन विभाग ने दो तेंदुओं को पकड़ लिया। लेकिन, इसके बाद भी इलाके में आतंक खत्म नहीं हुआ है। इस इलाके में बाघ, तेंदुए और हाथियों का आतंक अभी भी कायम है। यह इस आतंक के साये में हर दिन अपनी जान हथेली पर लेकर जी रहे हैं।
गोंदिया जिला वन वैभव से भरपूर है। यहां नवेगांवबांध-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प है। अर्जुनी मोरगांव, सड़क अर्जुनी, तिरोड़ा व देवरी तहसील के कुछ गांव जंगल से सटे हुए हैं। इसलिए इस क्षेत्र में जंगली जानवरों का आना-जाना कोई नई बात नहीं है।
जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसान की शिकायत आम बात हो गई है। लेकिन अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया है। नुकसान के बाद, वन व वन्यजीव विभाग द्वारा उनका पंचनामा किया जाता है। लेकिन बाद में उनका क्या होता है, यह कौन जाने, किसान मदद की उम्मीद पर जी रहा है। जंगली हाथी फिर से अर्जुनी मोरगांव तहसील में घुस आए हैं और धान की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
वन-आच्छादित क्षेत्रों के किसान कई वर्षों से जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसान को रोकने के लिए सरकार से उपाय करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, इतने सालों में उन्हें अपने वादों के अलावा कुछ नहीं मिला। एक तरफ वन व वन्यजीव विभाग कह रहा है कि वह मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए विभिन्न उपायों को लागू कर रहा है।
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दूसरी ओर, यह संघर्ष बढ़ रहा है, इसलिए सवाल यह उठता है कि वास्तव में ये उपाय कहां लागू किए जा रहे हैं। तस्वीर यह बनी हुई है कि ग्रामीण वन व वन्यजीव विभाग से बाघों और तेंदुओं को नियंत्रित करने के उपाय करने की मांग कर रहे हैं।