
धान की फसल हो रही अंकुरित (फोटो नवभारत)
Gondia Paddy Crop Loss: बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण व पंचनामे बनाने का काम अभी भी चल रहा है। इसी बीच मौसम फिर से रंग बदलता नजर आ रहा है। 4 नवंबर की शाम गोंदिया शहर सहित अनेक स्थानों पर हल्की बारिश हुई। वहीं 5 व 6 नवंबर को भी आसमान में दिन भर धूप-छांव का खेल चलता रहा। जिसके कारण किसान अभी भी बारिश की संभावना से आशंकित हैं।
गोंदिया जिले में 1 लाख 92 हजार हेक्टयर से अधिक क्षेत्र में खरीफ मौसम में धान की फसल लगाई है। इस बार कई स्थानों पर फसल देरी से लगाई गई। जिले में धान कटाई का काम लगभग 50 प्रश। ही पूरा होने का अनुमान है।
अनेक किसानों की धान की फसल हाल ही में हुई बारिश व हवा से खेतों में ही गिर गई है। वहीं खेतों में बारिश का पानी जमा होने के कारण कीचड़ भी हो गया है। ऐसे में धान की कटाई के लिए मजदूर भी नहीं मिलते, जिसके कारण किसानों को उन्हें अधिक मजदूरी देकर धान कटाई के लिए बुलाना पड़ रहा है। अथवा अपने परिजनों के साथ मिलकर ही धान की कटाई करनी पड़ रही है।
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कई किसानों की खेती निचले हिस्से में होने के कारण वहां बारिश का पानी जमा हो गया है। वहीं गिरे हुए धान में अंकुर निकलने लगे हैं, कुछ किसान उत्पादन होगा भी या नहीं इससे चिंता में पड़े हुए हैं।
गोंदिया कृषि अधिकारी निलेश कानवडे ने कहा कि जिले में उच्च प्रजाति के धान की कटाई का काम 15 दिसंबर तक चलता है। लेकिन इस बार बेमौसम बारिश ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है। नुकसान का सर्वेक्षण व पंचनामा करने का काम अभी भी चल रहा है। अगले सप्ताह तक ही अंतिम रिपोर्ट मिलने की संभावना है। यदि फिर से बारिश होती है तो यह किसानों के लिए काफी नुकसानदायक होगा।






