
गोंदिया. जिले में इस बार खरीफ मौसम में 15 अगस्त के दिन बारिश ने अपेक्षित औसत पूर्ण की है. इसी तरह जुलाई व अगस्त महिने में अतिवृष्टि दर्ज की गई. जिससे किसानों की धान फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हो गया है. इसी में अब नुकसानग्रस्त क्षेत्र के पंचनामे करने के निर्देश जिला प्रशासन ने दिए है. जिससे यंत्रणा काम पर जुट गई है. इसके लिए ग्राम सेवक, पटवारी तथा कृषि विभाग के कर्मचारी काम पर लगे हैं.
जिला गिला अकालग्रस्त घोषित कर नुकसान मुआवजा दिया जाए. ऐसी मांग जनप्रतिनिधियों सहित किसानों ने की है. इस बार खरीफ मौसम में जून महिने को छोडकर जुलाई महिने से बारिश ने जोरदार हाजरी लगाई. देखते ही देखते 15 अगस्त को मौसम में जून से सितंबर इस अवधि में होने वाली बारिश 1220.3 मीमी का आंकड़ा पार कर लिया है. अब तक 1280 मीमी. बारिश दर्ज की गई है. इसमें अब भी डेढ महीने की अवधि शेष है.
इस अवधि में बारिश ने हाजरी लगाने पर गिले अकाल पर मुहर लग जाएगी. यह लगभग स्पष्ट दिखाई दे रहा है. इसी में जिले में 15 अगस्त को बाढ़ की परिस्थिति से 139 गांव प्रभावित हो गए है. वहीं 97 मार्ग बंद हो गए थे. जिससे कुल 155 परिवारों के 508 नागरिकों को अलग अलग तहसील में तैयार किए गए मदद केंद्रों व शिविरों में रखा गया है. प्राथमिक जानकारी के अनुसार जिले के 4 घर पूर्णत: व 1598 घरों को अशंत: तथा 625 अशंत: गोठों का नुकसान हो गया है. इसी तरह बड़ी संख्या में मुर्गियां व जानवरों की मृत्यु हुई है. इसमें एक भी मनुष्य हानी नहीं हुई. विशेष कर बाढ़ की परिस्थिति पूर्ण रुप से छटी नहीं है. जिससे उक्त नुकसान के आकड़ों में वृध्दि होने की संभावना है.
जिले के संबंधित उप विभागीय अधिकारियों ने तहसील स्तर पर खेत फसल के नुकसान व उसके पंचनामे करने के लिए यंत्रणा को निर्देश दिए है. इसके अनुसार गांव निहाय सर्वे कर पटवारी, ग्राम सेवक व कृषि सहायक की संयुक्त हस्ताक्षर से नुकसानग्रस्त किसानों की सूची व पंचनामे तत्काल तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है. इसमें अब तक नुकसान के निश्चित आकडे सामने नहीं आए है. इसके बावजूद जिला अकाल सदृश्य परिस्थिति को देखते हुए किसानों को सीधे नुकसान मुआवजा दिया जाए. ऐसी मांग जिले के जन प्रतिनिधियों व किसानों ने शासन से की है.






