गडचिरोली. पिछले 17 वर्षो से राष्ट्रीय आरोग्य अभियन अंतर्गत कार्यरत ठेका स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी लोगों को स्वास्थ्य सेवा दे रहे है. ऐसे में ठेका कर्मचारियों का समायोजन करने की मांग निरंतर रूप से की जा रही है. बावजूद इसके सरकार द्वारा अनदेखी किये जाने से ठेका अधिकारी और कर्मचारियों ने गत 25 अक्टूबर से हडताल शुरू कर दिया है.
वहीं इस कालावधि में जिला परिषद कार्यालय के सामने धरना आंदोलन भी किया जा रहा है. लेकिन दुसरी ओर ठेका कर्मियों की मांग को पूर्ण करने में सरकार उदासिन होने के कारण हडताल करनेवाले आंदोलनकर्ताओं में तीव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है.
ऐसे में शनिवार को ठेका स्वास्थ्य कर्मचारियो के हडताल को एक माह की कालावधि पूर्ण हो गयी है. लेकिन सरकार द्वारा किसी भी तरह का निर्णय नहीं लिये जाने से कर्मचारियों में तीव्र नाराजगी व्याप्त होकर जिला परिषद कार्यालय के सामने आंदोलनकर्ता अधिकारी और कर्मचारियों ने राज्य सरकार का निषेध किये है. वहीं जब तक मांग पूर्ण नहीं होगी, तबतक हडताल जारी रखने की चेतावनी दी है.
पिछले अनेक वर्षो से अल्प मानधन पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत जिले में हजारों वैद्यकीय अधिकारी व कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा दे रहे है. कोरोना महामारी में भी स्वास्थ्य कर्मियों ने महत्वपूर्ण भुमिका निभाई है. जिससे सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों का कोरोना योध्दा के रूप में सत्कार भी किया है.
लेकिन पिछले अनेक वर्षो से सरकार से मांग करने पर भी किसी भी तरह का निर्णय नहीं लिये जाने से स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा अनेक बार ज्ञापन और शिकायते की है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मचारियों के समायोजन की कार्रवाई 31 मार्च तक करने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन छह माह की कालावधि बित जाने के बाद भी समायोजन नहीं किया गया. जिससे सरकार अपने अश्वासन पर अमल नहीं करने का आरोप कर्मचारियों ने लगाया है.
समायोजन करने की प्रमुख मांग को लेकर पिछले चार दिनों से जिले के ठेका स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों ने बेमियादी हडताल शुरू किया है. इस हडताल में जिले के सभी बारह तहसीलों से एक हजार से अधिक स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हुए है. जिसका विपरित परिणाम जिले की स्वास्थ्य सेवा पर होते नजर आ रहा है. विशेषत: हडतालकर्ता अधिकारी और कर्मचारी जिला मुख्यालय समेत तहसील मुख्यालयों में सरकार के प्रति प्रदर्शन कर रहे है.
पिछले एक माह से जिले के ठेका स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा हडताल शुरू किया गया. जिसका विपरित परिणाम जिले के स्वास्थ्य सेवा पर होते दिखाई दे रहा है. हडताल के चलते अस्पताल में कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिलने ही जानकारी मिली है. जिसके कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है.