सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- नवभारत ब्यूरो)
गड़चिरोली: बढ़ते तापमान के चलते जिला मुख्यालय गड़चिरोली में नागरिकों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। शहर समीप बारहमासी बहने वाली वैनगंगा नदी है, और इसी नदी से शहर को पानी की आपूर्ति की जाती है। लेकिन पिछले कई वर्षों से पुरानी पाइपलाइन के माध्यम से ही पानी की आपूर्ति की जा रही है, जिससे पर्याप्त मात्रा में पानी नागरिकों तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।
शहर समीपस्थ बोरमाला नदीघाट से जलशुद्धिकरण केंद्र तक पानी पहुंचाया जाता है। और साल भर यहां पर्याप्त जल उपलब्ध रहता है। फिर भी नगरपालिका प्रशासन की ओर से शहर को बेहद कम पानी दिया जा रहा है, जिसके कारण गर्मी के इस मौसम में नागरिकों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। शहर के कुछ हिस्सों में दिन में दो बार तो कुछ हिस्सों में केवल एक बार ही पानी की आपूर्ति की जा रही है, वह भी सिर्फ 15 से 30 मिनट के लिए।
शहर में पहले चारों ओर छोटे-बड़े तालाब थे, लेकिन शहरीकरण के कारण कई तालाबों पर अतिक्रमण हो गया। फिलहाल शहर में केवल गोकुलनगर तालाब ही बचा है। इसके चलते जल स्रोत कम हो गए हैं और कुओं व बोरवेल्स में भी पानी कम आ रहा है, जिससे नागरिक पूरी तरह से नगरपालिका की नल योजना पर निर्भर हो गए हैं। परंतु वहां से भी उन्हें बहुत कम पानी मिल पा रहा है।
पानी की समस्या के कारण कई नागरिकों ने नलों में टिल्लू पंप लगा दिए हैं, जिससे अन्य नलधारकों को और कम पानी मिल रहा है। नागरिकों की शिकायतों के बाद नगरपालिका ने कई बार टिल्लू पंप पर कार्रवाई की और पंप जब्त किए, फिर भी समस्या जस की तस बनी है। तीन साल पहले नगरपालिका ने लाखों रुपये खर्च कर नलों में मीटर लगाए थे, परंतु कुछ ही समय में नागरिकों ने मीटर हटा दिए और पुरानी पद्धति से पानी का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इस कारण नगरपालिका का सारा खर्च बेकार गया।
जिले के कई हिस्सों में गर्मियों में धान की खेती होती है, लेकिन इस बार भीषण गर्मी के कारण कई नदियां सूख गईं और फसलें खराब होने लगीं। इस समस्या को लेकर कांग्रेस ने वैनगंगा नदी के पात्र में आंदोलन कर गोसिखुर्द बांध से पानी छोड़े जाने की मांग की थी। प्रशासन ने इस मांग पर ध्यान दिया और गोसिखुर्द का पानी वैनगंगा में छोड़ा गया, जिससे जल स्तर बढ़ा और इसका लाभ फसलों के साथ-साथ नल योजना को भी हुआ।
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स्नेहनगर निवासी रामचंद्र वासेकर ने नवभारत को बताया कि नगर पालिका प्रशासन की ओर से बेहद कम पानी आपूर्ति की जा रही है। कुछ वार्डों में तो केवल एक बार ही पानी दिया जाता है, जिससे नागरिकों को बहुत कठिनाई हो रही है। नगर पालिका प्रशासन दिन में कम से कम एक घंटे तक दो बार नियमित रूप से पानी की आपूर्ति करे तो बेहतर हो।