प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Leopard Rescue Operation Gadchiroli Maharashtra: महाराष्ट्र के गड़चिरोली जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। जिले की कुरखेड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले येडापुर गांव में मंगलवार शाम उस समय चीख-पुकार मच गई, जब जंगल से भटककर एक तेंदुआ सीधे इंसानी बस्ती में दाखिल हुआ और एक ग्रामीण के घर में घुस गया। करीब दो घंटे तक चले इस रोमांचक और दहशत भरे घटनाक्रम के बाद अंततः वन विभाग ने तेंदुए को सुरक्षित पकड़ने में सफलता हासिल की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, येडापुर निवासी सुखदेव कवडो के परिवार के लिए मंगलवार की शाम किसी दुःस्वप्न जैसी थी। शाम करीब 5:00 बजे एक तेंदुआ उनके आंगन में बने स्नानगृह (बाथरूम) में घुस गया।
जैसे ही सुखदेव की नजर तेंदुए पर पड़ी, उन्होंने घबराने के बजाय अदम्य साहस और सूझबूझ का परिचय दिया। उन्होंने तत्काल बाहर से बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया, जिससे तेंदुआ अंदर ही कैद हो गया। इस तत्परता की वजह से घर के सदस्य और आसपास के लोग तेंदुए के सीधे हमले से बच गए।
घटना की सूचना मिलते ही पूरे गांव में खलबली मच गई और सैकड़ों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वडसा वन विभाग के उपवनसंरक्षक बी. आर. वरुण, सहायक वनसंरक्षक जोजिन जॉर्ज और रविंद्र सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में विभिन्न वन परिक्षेत्रों की विशेषज्ञ टीमों को तत्काल येडापुर भेजा गया।
वन विभाग की टीम ने पूरे घर को चारों ओर से घेर लिया ताकि तेंदुआ भाग न सके। लगभग दो घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद, टीम ने सावधानीपूर्वक तेंदुए को पिंजरे में कैद कर लिया। तेंदुआ पकड़े जाते ही सुखदेव कवडो के परिवार और पूरे गांव ने राहत की सांस ली।
वन विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रेस्क्यू किया गया तेंदुआ पूरी तरह स्वस्थ है। उसे बुधवार को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर, सुरक्षित घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
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इस सफल अभियान में पुराडा के वन परिक्षेत्र अधिकारी रविंद्र चौधरी, कुरखेड़ा के वन परिक्षेत्र अधिकारी लक्ष्मीकांत गोपूलवाड सहित संजय कंकलवार, अमोल राऊत और अन्य वनकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।