
सड़कों पर दौड़ रहे कालबाह्य निजी यात्री वाहन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli Traffic Issues: गड़चिरोली शहर सहित ग्रामीण अंचलों में बड़ी संख्या में निजी यात्री वाहन दौड़ रहे हैं। इनमें से कई वाहन कालबाह्य (फिटनेस और अनुमति अवधि समाप्त) हो चुके हैं, फिर भी यह वाहन सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ते दिखाई देते हैं। ऐसे वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों की ढुलाई की जा रही है, किंतु संबंधित विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इससे यात्रियों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। इन कालबाह्य वाहनों पर तुरंत ध्यान देने की मांग हो रही है।
सरकारी नियमों के अनुसार दोपहिया, चौपहिया तथा अन्य वाहनों के सभी दस्तावेज लाइसेंस, रोड टैक्स, पीवीसी टैक्स, बीमा आदि मान्य होने चाहिए। इन शर्तों का पालन होने पर ही वाहनों को सड़क पर निर्धारित वेग सीमा में चलाने की अनुमति मिलती है। लेकिन शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश यात्री वाहनों की अनुमति अवधि एवं दस्तावेज समाप्त हो चुके हैं। फिर भी इन वाहनों द्वारा खुलेआम यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है। कई स्थानों पर सार्वजनिक परिवहन के विकल्प न होने के कारण यात्री भी मजबूरी में ऐसे वाहनों का सहारा लेते हैं। इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। संबंधित विभाग की अनदेखी चिंता का विषय है।
निजी यात्री वाहनों व दोपहिया वाहनों के दस्तावेज अपूर्ण होने पर दुर्घटना होने की स्थिति में बीमा राशि या अन्य सरकारी सहायता प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात विभाग द्वारा लाइसेंस तथा दस्तावेजों की सख्त जांच करने की मांग उठ रही है।
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गड़चिरोली शहर में तेज रफ्तार से ट्रिपल सीट चलाने वाले, नशे की हालत में वाहन चलाने वाले तथा निजी यात्री वाहनों में अधिक क्षमता से यात्रियों को बैठाकर दौड़ाने वाले चालक यातायात पुलिस के सामने से ही गुजर जाते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। गड़चिरोली-चंद्रपुर मार्ग पर ‘धूम स्टाइल’ में स्टंट करने वालों की संख्या बढ़ गई है, जिससे अनुशासित वाहन चालकों को परेशानी होती है। ऐसी स्थिति में यातायात पुलिस की सक्रियता बढ़ाने की आवश्यकता है।






