प्रतीकात्मक तस्वीर (AI Generated)
Gadchiroli Forest Department Wildlife Alert : गड़चिरोली जिला मुख्यालय के समीप बसे गोगांव परिसर में इन दिनों वन्यजीवों के आतंक ने नागरिकों की नींद उड़ा दी है। पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में तेंदुए का विचरण लगातार बढ़ गया है, जिससे किसान और स्थानीय निवासियों में भारी दहशत का माहौल है। खरीफ सीजन की धान कटाई के दौरान पहले से ही जंगली हाथियों के उत्पात से परेशान किसानों के सामने अब तेंदुए और बाघ के रूप में नया संकट खड़ा हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, करीब एक सप्ताह पूर्व गोगांव के बिल्कुल समीप तेंदुआ देखा गया था। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी, जिसके बाद विभाग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी थी। हालांकि, दो दिन पूर्व फिर से खेत परिसर में तेंदुए के दिखाई देने से किसानों के बीच खलबली मच गई है। दहशत इतनी अधिक है कि किसान खेतों में जाने से कतरा रहे हैं, जिसका सीधा असर धान की कुटाई और फसल प्रबंधन के कार्यों पर पड़ रहा है।
तेंदुए के खौफ के बीच मंगलवार दोपहर को एक और सनसनीखेज वाकया सामने आया। अमिर्जा मार्ग पर स्थित तालाब के पास कुछ नागरिकों ने एक बड़े हिंसक प्राणी को देखा, जिसके बाघ होने का दावा किया जा रहा है। जैसे ही यह खबर गांव में फैली, बड़ी संख्या में ग्रामीण उस स्थान पर पहुंचे, लेकिन तब तक वह जीव वहां से जा चुका था। प्रत्यक्षदर्शियों में इस बात को लेकर संशय बना हुआ है कि वह बाघ था या तेंदुआ, लेकिन इस घटना ने पूरे गोगांव क्षेत्र को दहशत के साये में ला दिया है।
गोगांव के किसान पिछले काफी समय से जंगली हाथियों के समूह द्वारा मचाए गए उत्पात की मार झेल रहे हैं। हाथियों ने बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान पहुंचाया था। अब जब फसल घर लाने का समय है, तब तेंदुए और बाघ की मौजूदगी ने किसानों की कमर तोड़ दी है। ग्रामीणों का कहना है कि हिंसक जानवरों के डर से वे अकेले बाहर निकलने या खेतों में काम करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
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गोगांव के नागरिकों और किसानों ने वन विभाग से मांग की है कि इस क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाए और हिंसक जानवरों का जल्द से जल्द बंदोबस्त किया जाए। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए, तो फसल का नुकसान बढ़ने के साथ-साथ जनहानि का खतरा भी बढ़ सकता है।