गड़चिरोली जिला विकास निधि का पैसा जनहित के लिए (सौजन्यः सोशल मीडिया
Gadchiroli District Development Fund: जिला विकास निधि का प्रत्येक रुपया जनहित के लिए तथा शाश्वत विकास के लिए उपयोग में लाना चाहिए, ऐसी बात राज्य के वित्त व नियोजन, कृषि, मदद व पुनर्वसन, विधि व न्याय, कामगार राज्यमंत्री तथा जिले सहपालकमंत्री एड. आशीष जयस्वाल ने किया। जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित जिला नियोजन समिति की जायजा बैठक में वे बोल रहे थे।
इस समय जिलाधिकारी अविश्यांत पंडा, सांसद डॉ. नामदेव किरसान, विधायक धर्मराव आत्राम, विधायक सुधाकर अडबाले, विधायक डॉ. मिलींद नरोटे, विधायक रामदास मसराम, जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल, जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुहास गाडे, प्रकल्प अधिकारी रणजीत यादव, नियोजन अधिकारी श्रीराम पाचखेडे, समाज कल्याण के सहायक आयुक्त डा. सचिन मडावी आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।
इस समय सहपालकमंत्री एड. जयस्वाल ने कहा कि जिला विकास निधि प्रमुखता से सामूहिक लाभ देने वाली योजना, स्थायी मालमत्ता निर्माण करने वाली योजना तथा लोगों के उत्पादन में वृद्धि कर उसकी वित्तीय स्थिति सुधार करने की योजना पर खर्च होनी चाहिए। स्थानीय जनप्रतनिधि के मशवरे से कार्य प्रस्तावित करने की सूचना दी। सभी विभाग ने शाश्वत विकास करने वाले प्रस्ताव तैयार करें तथा निधि का कड़ाई से उपयोग होना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से खरीदी प्रक्रिया का पालन न करते हुए दवा खरीदी होने की शिकायत की विशेष जांच दस्ते द्वारा होगी, ऐसी बात उन्होंने घोषित की। उन्होंने मत्स्य व्यवसाय के लिए तालाब वितरित करते हुए लाभ केवल संस्थाओं को नहीं बल्कि प्रत्यक्ष मच्छीमार बंधुओं को मिले, इस पर जोर दिया। “उमेद” मार्फत बचत गुटों को दिया जाने वाला निधि राज्य के आदर्श के तौर पर जाने का प्रयास करने की बात भी उन्होने कही।
वर्ष 2014 के नियम के अनुसार मान्यता प्राप्त व्याघ्र भ्रमण मार्ग छोड़ अन्य क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए वनविभाग के अनुमति की जरूरत नहीं है। यह बात स्पष्ट करते हुए पूर्व विदर्भ प्रदेश वन्यजीव क्षेत्र से गड़चिरोली को हटाने से प्रलंबित सड़क व विकास कार्यों को गति मिलेगी, ऐसी बात सहपालकमंत्री एड. जयस्वाल ने कही। अकारण रुकावट लाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी चेतावनी भी सहपालकमंत्री ने दी। गड़चिरोली के विस्तीर्ण भौगोलिक परिस्थिति का विचार कर विकास योजना चलाने की जरूरत है, ऐसी बात कहते हुए जिले के विकास का रथ तेजी से आगे बढ़े तथा भ्रष्टाचार को स्थान न मिले, इसके लिए त्रयस्थ संस्था द्वारा कार्यों की गुणवत्ता जांची जाएगी।
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जिलाधिकारी अविश्यांत पंडा ने वर्ष 2025-26 के जिला वार्षिक योजना का 697 करोड़ रुपयों का प्रारूप पेश किया। इसमें सर्वसाधारण योजना के लिए 456 करोड़, आदिवासी उपयोजना के लिए 202 करोड़ 38 लाख, आदिवासी उपयोजना क्षेत्र बाहर के योजना के लिए 2 करोड़ 68 लाख तथा अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 36 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। बीते वर्ष का 641 करोड रुपयों का निधि शत प्रतिशत खर्च होने की जानकारी दी गई।