घरकुल योजना (सौजन्य-सोशल मीडिया)
OBC Housing Scheme Maharashtra: राज्य सरकार ने ओबीसी लाभार्थियों के लिए 2 वर्ष पूर्व मोदी आवास योजना शुरू की। इस योजना के कारण ओबीसी प्रवर्ग के जरूरतमंद नागरिकों को भी राहत मिली है। इस योजना अंतर्गत अनेक मकान भी निर्माण किए गए है। लेकिन वर्ष 2025-26 यह वित्तीय वर्ष अब समाप्त होने के मार्ग पर है, ऐसे में अब तक इस योजना के उद्देश्य ही जिले को प्राप्त नहीं हुए है।
जिससे ओबीसी लाभार्थी इस योजना अंतर्गत घरकुल की प्रतीक्षा कर रहे है। योजना के लिए कार्यालयों के चक्कर काटते नजर आ रहे है। राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक प्रवर्ग के लिए स्वतंत्र घरकुल योजना शुरू की है। लेकिन ओबीसी प्रवर्ग के लिए स्वतंत्र योजना नहीं थी। यह बात ध्यान में आने के बाद इस प्रवर्ग के लिए स्वतंत्र मोदी आवास योजना शुरू की गई।
इस योजना अंतर्गत बीते वर्ष जिले को करीब 7 हजार घरकुलों को मंजूरी दी गई। उसका निर्माण भी अब पूर्ण हुआ है। वहीं दूसरे वर्ष 2025 में भी घरकूल मंजूर होंगे, ऐसी अपेक्षा ओबीसी लाभार्थियों को थी। लेकिन वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कगार पर है, ऐसे में इस योजना के उद्देश्य ही प्राप्त नहीं हुए है। जिससे ओबीसी लाभार्थियों में नाराजगी फैली है।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है। इस योजना अंतर्गत घरकूल मंजूर किए गए है। जिससे सरकार ने मोदी आवास योजना की ओर अनदेखी करने की बात कही जा रही है। लेकिन अन्य प्रवर्ग के भांती ओबीसी प्रवर्ग के पात्र लाभार्थियों को घरकूल मंजूर कर उन्हें राहत दें।
-अनेक गरीब व जरूरतमदं परिवार को अपने हक्क के आशियाने की प्रतीक्षा है। लेकिन, सरकारी योजना से घरकुल मंजूर होने में विलंब होने से जरूरतमंद परिवार को छत कब मिलेगी, ऐसा सवाल निर्माण हुआ है।
-ओबीसी की समस्याओं से सरकार को कोई लेनदेन नहीं होने का दिखाई दे रहा है। जिससे सरकार ने यह योजना आगे कायम नहीं की है।
-अन्य प्रवर्ग के लाभार्थियों को राज्य सरकार घरकुल के लिए निधि दे रहा है, लेकिन ओबीसी के लिए निधि क्यों नहीं ऐसा सवाल पूछा जा रहा है।
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आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में ओबीसी प्रवर्ग की संख्या काफी बड़ी है। इन जरूरतमंद लाभार्थियों की घरकुल के लिए बड़ी प्रतीक्षा सूची है। ऐसे में प्रतिवर्ष अल्प यानी 3 से 4 हजार लाभार्थियों को ही योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिससे जिले के हजारों ओबीसी बंधु घरकुल की प्रतीक्षा में होने की स्थिति कायम है।