रेत घाट (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Kurkheda Mining News: कुरखेड़ा उपविभाग अंतर्गत आने वाले नान्ही रेत घाट में नियमों का उल्लंघन कर किए गए अवैध रेत उत्खनन के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी अविश्यांत पंडा ने इस प्रकरण की गहन जांच के लिए 6 सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है। समिति को 7 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
वर्ष 2025-26 के लिए कुरखेड़ा उपविभाग के नान्ही तथा कुंभीटोला रेत घाटों का ई-नीलामी के माध्यम से आवंटन किया गया था। इस प्रक्रिया में देवरी स्थित ‘तारामंगल एजेंसी’ ने सर्वाधिक बोली लगाकर ये रेत घाट प्राप्त किए थे। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा 11 दिसंबर 2025 को इस संबंध में स्वीकृति आदेश भी जारी किया गया था।
हालांकि, आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि शर्तों के अनुरूप अनुबंध, साथ ही ईएमपी तथा सीईआर से संबंधित शपथपत्र प्रस्तुत करने के बाद ही वास्तविक उत्खनन की अनुमति होगी। इसके बावजूद, वैधानिक प्रक्रियाएं पूरी किए बिना ही नान्ही रेत घाट से लगभग 600 ब्रास रेत के उत्खनन की जानकारी तहसीलदार, कुरखेड़ा की रिपोर्ट से सामने आई है।
इस संदर्भ में कुरखेड़ा के नागरिकों ने 15 दिसंबर 2025 को इस अवैध उत्खनन के संबंध में जिलाधिकारी के समक्ष विधिवत शिकायत दर्ज कराई थी। तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार, उत्खनित रेत अभी घटनास्थल पर ही मौजूद है और उसका परिवहन नहीं किया गया है। हालांकि, ठोस सबूतों के अभाव में अवैध परिवहन की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता, ऐसा प्रशासन का मत है।
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कुरखेड़ा तहसील के नान्ही मं स्थित रेत घाट से अवैध रूप से रेत का उत्खनन करने के मामले की जांच करने जिलाधिकारी ने 6 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस जांच समिति के अध्यक्ष सहायक जिलाधिकारी तथा गड़चिरोली के उपविभागीय अधिकारी रहेंगे।
वहीं सह-अध्यक्ष के रूप में सहायक जिलाधिकारी तथा उपविभागीय अधिकारी, एटापल्ली, सदस्य के रूप में कार्यकारी अभियंता (लोक निर्माण विभाग), उपअधीक्षक (भूमि अभिलेख), तथा सहायक जिला खनन अधिकारी, सदस्य सचिव के रूप में धानोरा के तहसीलदार का समावेश है। समिति द्वारा घटनास्थल का प्रत्यक्ष निरीक्षण कर निष्पक्ष एवं वस्तुनिष्ठ जांच करते हुए अपना स्पष्ट अभिमत 7 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।