75 वर्ष बाद भी नहीं बनी 6 किमी सड़क (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Road Neglect: देश की आज़ादी को 75 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन राज्य के अंतिम छोर पर बसे आदिवासी बहुल, अति पिछड़े व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब भी विकास की रोशनी नहीं पहुंच सकी है। सरकार इन क्षेत्रों के विकास के दावे तो करती है, परंतु ज़मीनी हकीकत इसके ठीक उलट दिखाई देती है।
अहेरी तहसील के चौडमपल्ली-गुर्जा मार्ग की स्थिति इसका बड़ा उदाहरण है। यह मार्ग मात्र 6 किलोमीटर लंबा है, इसके बावजूद आज तक यहां पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया। नतीजतन, ग्रामीणों को हर दिन जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ रही है। कई बार इस मार्ग पर दुर्घटनाएँ भी घट चुकी हैं, परंतु विभागीय अनदेखी के चलते समस्या जस की तस बनी हुई है। इससे ग्रामीणों में सरकार और प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश है।
चौडमपल्ली-गुर्जा मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है। मार्ग की गिट्टी उखड़ जाने के कारण वाहन अक्सर फिसलकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। वर्षा ऋतु में स्थिति और गंभीर हो जाती है, जब आवागमन लगभग असंभव हो जाता है। ग्रामीण कई बार जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन सड़क का डामरीकरण अब तक नहीं किया गया है।
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