
अहेरी के रेत घाटों की दोबारा नीलामी
Gadchiroli Sand Price Hike: गड़चिरोली जिले के कुछ उपविभागों के रेत घाटों से सरकार को अपेक्षित राजस्व प्राप्त हुआ है, लेकिन इसकी तुलना में अहेरी उपविभाग के रेत घाटों से राजस्व काफी कम मिला है। इसी कारण अहेरी क्षेत्र के रेत घाटों की दोबारा नीलामी किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। हाल ही में जिला प्रशासन ने विभिन्न उपविभागों के रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया पूरी की थी। कुरखेड़ा, देसाईगंज, गड़चिरोली आदि उपविभागों में नीलामी सफल रही और सरकार को काफी राजस्व प्राप्त हुआ।
प्रशासन को उम्मीद थी कि अहेरी में भी इसी स्तर की आय प्राप्त होगी, लेकिन नीलामी के दौरान कम प्रतिस्पर्धा और बोलीदाताओं की संख्या कम रहने के कारण अपेक्षित राजस्व नहीं मिल सका। प्रशासन के अनुसार नीलामी के समय सामने आई कुछ आपत्तियों और कम प्रतिस्पर्धा के चलते नीलामी प्रक्रिया को निरस्त कर दोबारा ई-निविदा निकालने का प्रस्ताव रखा गया है। इस विषय पर 14 नवंबर को नीलामी समिति की बैठक हुई, जिसमें जिले के राजस्व में वृद्धि पर जोर देते हुए अहेरी रेत घाटों की पुनः नीलामी के संकेत दिए गए।
राजस्व बढ़ाने की प्रशासनिक नीति का असर सीधे आम नागरिकों पर पड़ेगा। देसाईगंज और कुरखेड़ा में नीलामी के बाद रेत की कीमत प्रति ब्रास 4,000 से 5,000 रुपये तक पहुंच गई है। इससे घर बनाने वाले आम नागरिकों और निर्माण व्यवसायियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। इसलिए स्थानीय लोगों ने मांग की है कि रेत सरकारी डिपो के माध्यम से रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जाए।
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सरकार ने आम जनता को रियायती दर पर रेत उपलब्ध कराने के लिए डिपो शुरू किए हैं, लेकिन दूरी और ढुलाई की समस्या के कारण लोगों को रेत प्राप्त करना आसान नहीं हो पा रहा है। सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों समेत निजी निर्माण कार्य करने वाले नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में रेत न मिल पाने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।






