खतरे में छात्रों का शैक्षणिक भविष्य (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli District: जिले के आदिवासी छात्रों को दर्जेदार शिक्षा, निवास और भोजन मिले, इसलिए सरकार ने शिक्षा नीति अंतर्गत आश्रमशालाएं शुरू की है। इन आश्रमशालाओं में शिक्षा लेने वाले आदिवासी छात्र अन्य स्कूलों के छात्रों के साथ स्पर्धा कर पाएंगे, यह सरकार का उद्देश्य है। लेकिन जिले के अहेरी तहसील अंतर्गत आने वाले जिमलगट्टा के सरकारी माध्यमिक आश्रमशाला में शिक्षकों के रिक्त पद के कारण आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में शिक्षा में ही दुजाभाव होने का चित्र दिखाई दे रहा है।
इस आश्रमशाला में कुल 423 आदिवासी छात्र शिक्षा ले रहे है। लेकिन इन छात्रों को पढ़ाने के लिए 9 शिक्षक कार्यरत है। विशेषत: इस आश्रमशाला में प्रधानाचार्य समेत 7 शिक्षक और 3 कर्मचारी सहित कुल 11 पद रिक्त पड़े है। जिससे आदिवासी छात्रों का शैक्षणिक भविष्य खतरे में आ गया है। जिले का अधिकत्तर हिस्सा आदिवासी बहुल, अतिसंवेदनशील, दुर्गम और नक्सलग्रस्त क्षेत्र में बसा है। इन क्षेत्र के आदिवासी छात्रों को शिक्षा के मुख्य प्रवाह में लाने के लिए सरकार स्तर से प्रयास किया जा रहा है। इस अंतर्गत आदिवासी छात्रों के लिए आश्रमशालाओं के माध्यम से शिक्षा देने का काम किया जा रहा है।
लेकिन अहेरी तहसील मुख्यालय से 50 किमी दूरी पर स्थित जिमलगट्टा की सरकारी माध्यमिक, उच्च माध्यमिक आश्रमशाला में शिक्षकों के रिक्त पद होने के कारण छात्रों का शैक्षणिक भविष्य अंधेरे में होने की बात कही जा रही है। वर्तमान स्थिति में यहां पर 9 शिक्षक कार्यरत होकर उन पर 423 छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। इसके अलावा शिक्षकों को अन्य कार्य भी करने पड़ रहे है। इस आश्रमशाला में कुल 11 पद रिक्त पड़े है। जिनमें प्रमुखता से प्रधानाचार्य समेत उच्च माध्यमिक शिक्षक के 3 पद, माध्यमिक शिक्षकों के 2 पद, महिला अधिक्षिका 1, प्रयोगशाला परिचर 1, लिपिक 1 सहित कुल 11 पद रिक्त पड़े है।
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पिछले अनेक वर्षों से उक्त रिक्त पद भरने की ओर सरकार की अनदेखी हो रही है।जिसका खामियाजा इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को पढ़ाने के समय शिक्षकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर सभी विषयों के शिक्षक उपलब्ध नहीं होने के कारण छात्रों का भी शैक्षणिक नुकसान होते दिखाई दे रहा है। जिससे सरकार व सबंधित विभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर तत्काल आश्रमशालों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पद भरें, ऐसी मांग की जा रही है।
छात्रों को शुध्द पीने का पानी मिले और स्नान करने के लिए गरम पानी उपलब्ध हो, इसलिए जिमलगट्टा के सरकारी आश्रमशाला में आरओ गीजर लगाया गया था। लेकिन वर्तमान स्थिति में यहां का आरओ और गीजर बंद अवस्था में पड़ा है। जिसका खामियाजा हैंडपंप से अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। वहीं गीजर बंद होने के कारण ठंडे पानी से स्नान करने की नौबत आ पड़ी है। जिसके कारण आश्रमशाला के छात्रों का स्वास्थ्य खतरे में आ गया है। आश्रमशाला में शिक्षारत छात्रों को आवश्यक सुविधा मुहैया कराने में सरकार विफल साबित होने की बात आश्रमशाला की स्थिति से स्पष्ट हो रही है।