ऑनलाइन रम्मी ने किया 3 जिंदगियों का गेम ओवर। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
धाराशिव: महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के एक छोटे से गांव में रविवार रात वह घटना घटी, जिसने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। एक मेहनतकश पिता, जिसने कभी अपने परिवार की खुशहाली के लिए ट्रैक्टर की स्टीयरिंग थामी थी, उसी ने एक रात में अपने पूरे परिवार का अंत कर डाला। वजह थी ऑनलाइन रम्मी गेम का खतरनाक नशा, बढ़ता कर्ज और मानसिक तनाव।
29 वर्षीय लक्ष्मण मारुती जाधव, बावी गांव का निवासी और ट्रैक्टर चालक था। परिवार में उसकी पत्नी तेजस्विनी और दो साल का बेटा था। दो ढाई साल पहले उसने प्रेम विवाह किया था। परिवार सामान्य तरीके से जीवन बिता रहा था, मगर पिछले कुछ महीनों से लक्ष्मण का व्यवहार बदलने लगा था। उसे ऑनलाइन रम्मी खेलने की लत लग चुकी थी। शुरू में तो यह एक टाइमपास था, लेकिन धीरे-धीरे यह खेल ज़िंदगी का नाश बन गया।
लक्ष्मण गेम में हजारों नहीं, बल्कि लाखों रुपये हार बैठा। कर्ज बढ़ता गया, तनाव गहराता गया। अपनी ज़मीन और प्लॉट तक बेच डाले, फिर भी कर्ज से राहत नहीं मिली। आर्थिक बोझ और मानसिक दबाव ने उसे भीतर से पूरी तरह तोड़ डाला।
पुलिस के अनुसार रविवार की रात लक्ष्मण ने पहले अपनी पत्नी तेजस्विनी और दो वर्षीय बेटे को ज़हर देकर मार डाला। इसके बाद उसने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सोमवार सुबह जब घर का दरवाजा नहीं खुला, तो पड़ोसियों ने शक जताया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जब दरवाजा तोड़ा, तो अंदर तीनों के शव पाए गए। यह दृश्य देखकर गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
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धाराशिव की पुलिस अधीक्षक रितु खोखर खुद घटनास्थल पर पहुंचीं और मामले की गंभीरता को देखते हुए गहन जांच के आदेश दिए। उनका कहना था कि “यह केवल एक पारिवारिक त्रासदी नहीं, बल्कि सामाजिक चेतावनी है। ऑनलाइन गेम्स के चलते मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और मामले की छानबीन की जा रही है।
इस घटना ने सरकार, समाज और अभिभावकों को एक बड़ा सवाल खड़ा करके झकझोर दिया है। क्या ऑनलाइन गेम्स अब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि आत्मघाती लत बनते जा रहे हैं? क्या मानसिक स्वास्थ्य के लिए गांवों और छोटे शहरों में कोई सहायता तंत्र मौजूद है? क्या कर्ज और तनाव में फंसे लोगों को अकेला छोड़ देना हमारा सामाजिक दायित्व है? मनोरोग विशेषज्ञों के अनुसार, ऑनलाइन रम्मी जैसे गेम्स में हार-जीत की भावनाएं इतनी तीव्र होती हैं कि वह व्यक्ति को अवसाद और आत्महत्या की कगार तक ले जाती हैं।
लक्ष्मण का बेटा ठीक से बोलना भी नहीं सीख पाया था। तेजस्विनी के सपनों को शायद कभी पंख भी नहीं मिले। और लक्ष्मण… वह आज समाज के हर उस पिता का चेहरा है जो आर्थिक बोझ, डिजिटल लत और अकेलेपन के अंधेरे में खुद को खत्म करने पर मजबूर होता है।
ऑनलाइन गेम्स पर कानून: सरकार को त्वरित रूप से ऑनलाइन गेमिंग पर नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता: गांव-गांव तक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित होनी चाहिए। आर्थिक परामर्श: कर्ज में डूबे नागरिकों के लिए सरकारी आर्थिक परामर्श केंद्रों की स्थापना की आवश्यकता है।