सीएम फडणवीस (pic credit; social media)
Maharashtra Honey Trap Case: विधान मंडल का मानसून सत्र शुक्रवार को खत्म हो गया। तीन सप्ताह तक चले सत्र के तीसरे और आखिरी सप्ताह के दौरान नासिक का हनी ट्रैप मामला सुर्खियों में रहा। हनी ट्रैप प्रकरण की वजह से विपक्षी गठबंधन को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया था।
शरद पवार की राकां के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कथित हनी ट्रैप ‘गुजरात पैटर्न’ कह कर सरकार पर निशाना साधा था, तो वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने गुरुवार को विधान भवन में एक पेन ड्राइव दिखाते हुए सरकार से हनी ट्रैप में फंसे लोगों के नाम उजागर करने की मांग की थी।नाना पटोले ने कहा था कि आप नाम बताएं या फिर हम जानकारी सार्वजनिक कर देंगे लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को ‘नो हनी, नो ट्रैप’ कहकर विपक्ष के दावों की हवा ही निकाल दी।
एक राजनेता के नासिक में 72 अधिकारियों और कुछ मंत्रियों की वीडियो बनाए जाने की अफवाह मानसून सत्र के दौरान फैल गई। जिसके चलते राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया था। पटोले ने गुरुवार को विधानसभा में औचित्य के मुद्दे पर बोलते हुए आरोप लगाया कि मंत्रालय, नासिक और ठाणे हनी ट्रैप का केंद्र बन गए हैं। इसके माध्यम से राज्य के गोपनीय दस्तावेज सीधे असामाजिक तत्वों के हाथों में पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को नाना और आव्हाड के आरोपों पर जमकर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सदन में हनी ट्रैप की चर्चा हो रही है, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि किसका हनी ट्रैप किया गया है?
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सीएम फडणवीस ने कहा कि नाना पटोले का बम हम तक नहीं पहुंचा। उन्होंने नाना को नसीहत देते हुए कहा कि यदि कोई घटना होती है, तो उसे दृढ़ता पूर्वक प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इसमें पूर्व मंत्रियों का जिक्र हो रहा है। इसलिए पूर्व मंत्री एक-दूसरे को देख रहे हैं। लेकिन किसी भी पूर्व मंत्री के हनी ट्रैप मामले में कोई शिकायत नहीं है। ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि एक शिकायत नासिक से आई थी। यह शिकायत उपजिलाधिकारी के संबंध में थी।
एक महिला ने शिकायत की थी लेकिन बाद में उसने वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि नाना आप लगातार होटल से संबंधित जिस व्यक्ति का उल्लेख कर रहे थे। वह व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष है, वह कांग्रेस से चुनाव लड़ चुका है। मुख्यमंत्री देवेंद्र ने कहा कि इस तरह सदन का समय बर्बाद करना, सदन छोड़कर चले जाना ठीक नहीं है। सबूत सही तरीके से पेश करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जितेंद्र आव्हाड ने कल पब्लिक सेफ्टी एक्ट के संदर्भ में बात की थी। सबसे पहले आप वामपंथ और कट्टर वामपंथ के बीच के अंतर को समझें। संक्षेप में कहें तो, इस्लाम और आईएसआईएस में जो अंतर है वही वामपंथ और कट्टर वामपंथ में है। इस्लाम एक धर्म है और आईएसआईएस एक विचारधारा है। दुनिया में इस्लामी चरमपंथ नाम की एक शब्दावली गढ़ी गई है।
इसका इस्तेमाल आईएसआईएस के लिए किया जाता है। इसका मतलब मुस्लिम धर्म का पालन करना नहीं है। साथ ही, कट्टर वामपंथ का मतलब वामपंथी चरमपंथी है। उन्होंने याद दिलाया किसी भी व्यक्ति पर कानून के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा अधिनियम किसी को यह नहीं कहता कि आंदोलन न करें, सरकार के खिलाफ न बोलें, न लिखें। यह कानून केवल उन संगठनों पर प्रतिबंधित करने के लिए है जो माओ की कट्टर वामपंथी विचारधारा का प्रचार करने और भारत के संविधान के विरुद्ध अराजकता फैलाने की कोशिश करनेवाले प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए है।
दो दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से दो बार हुई मीटिंग पर फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने मुझे ‘हिंदी अनिवार्य क्यों है’, इस पर लेखों का संग्रह दिया था। मैंने कल पुस्तिका पढ़ी। उन्होंने आगे कहा कि इस मुलाकात का मतलब यह नहीं कि वह गठबंधन के लिए मिलने आए थे। उन्होंने आगे कहा कि कक्षा 1 से 12 तक हिंदी अनिवार्य करने संबंधी रिपोर्ट ठाकरे मंत्रिमंडल के समक्ष आई थी, और ठाकरे मंत्रिमंडल ने उसे स्वीकार कर लिया था, ऐसा भी मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस समय दावा किया है।
आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर फडणवीस ने विपक्ष खासकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उन्हीं की रणनीति पर घेरते हुए पर जोरदार हमला बोला। फडणवीस ने विधानसभा में मुंबई पर अन्ना भाऊ साठे की कविता की कुछ पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि चार महीने बाद मुंबई को तोड़ने की साजिश का राग अलापने लगेंगे। लेकिन मैं अभी से कह रहा हूं, मुंबई को महाराष्ट्र से कोई नहीं तोड़ सकता, चाहे किसी का बाप, बाप का बाप, बाप का बाप या दादा भी आ जाए।
मुंबई महाराष्ट्र की है और महाराष्ट्र ही रहेगी। ‘महाराष्ट्र में, मुंबई में, मराठी लोगों की आवाज बुलंद रहेगी। सरकार मुंबई को एक आधुनिक, समावेशी मुंबई, एक प्रगतिशील महाराष्ट्र बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने धारावी पुनर्विकास के मुद्दे पर कहा कि अदानी को कोई जमीन नहीं दी गई है, यह जमीन डीआरपी को दी गई है, जो एक विशेष प्रयोजन वाहन है। इसमें सरकार भी भागीदार है। इसमें अदानी एक डेवलपर और भागीदार के रूप में आए हैं।