तुषार गांधी (Image- Social Media)
Nagpur News: महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने वर्धा में गांधीवादी संस्थानों में ‘शहरी नक्सलों’ के घुसने संबंधी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आरोपों का सोमवार को खंडन किया। तुषार गांधी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि गांधीवादी निश्चित रूप से ‘क्रांतिकारी’ हैं लेकिन वे ‘देशभक्त क्रांतिकारी’ हैं।
उन्होंने कहा, “क्रांतिकारी वे होते हैं, जो सत्ता में बैठे लोगों को नींद से जगाते हैं। इसलिए यह स्वाभाविक है कि चूंकि वह (देवेंद्र फडणवीस) सत्ता में हैं इसलिए उनका डरना स्वाभाविक है। फडणवीस जिस विचारधारा का पालन करते हैं, वह हमेशा गांधीवादी विचारधारा से डरती रही है। मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि हम ‘क्रांतिकारी’ हैं लेकिन ‘बंदूकधारी’ नहीं और उन्हें डरना नहीं चाहिए।”
तुषार गांधी ने कहा कि नागरिक समाज के सदस्य 29 सितंबर से दो अक्टूबर के बीच नागपुर स्थित दीक्षाभूमि से वर्धा स्थित सेवाग्राम आश्रम तक ‘संविधान सत्याग्रह पदयात्रा’ निकालेंगे जबकि 28 सितंबर को एक जनसभा आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दो अक्टूबर को होने वाली ‘संविधान सत्याग्रह पदयात्रा’ महत्वपूर्ण है क्योंकि उसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा।
तुषार ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दो अक्टूबर को अपना स्थापना दिवस और शताब्दी वर्ष समारोह भी मनाएगा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा इस बात पर जोर देगी कि देश में महात्मा गांधी और संविधान की आवाज जीवित हैं। तुषार ने कहा, “यह यात्रा नफरत की राजनीति के खिलाफ होगी। हम एकता और शांति का संदेश लेकर चलेंगे। ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रतिनिधि, किसान यूनियनों के नेता, मणिपुर और कश्मीर जैसे क्षेत्रों के लोग इसमें हिस्सा लेंगे।”
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पदयात्रा समन्वयक संदेश सिंगलकर ने बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-शरदचंद्र पवार प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल दो अक्टूबर को वर्धा के सेवाग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी आमंत्रित किया गया है। तुषार गांधी ने मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि निर्वाचन आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सर्वोच्च चुनाव संस्था की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)