नाना पटोले (सौजन्य-एएनआई)
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी की बड़ी हार हुई तो वहीं कांग्रेस का दिल्ली में खाता भी नहीं खुला है। इन नतीजों ने इस बात का खुलासा किया है कि दिल्ली में दोनों पार्टियों में हुए मतभेद के कारण दोनों को हार का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में सोमवार को शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र में भी चर्चा की गई।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय को लेकर सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि वह इस समाचार पत्र को पढ़ते ही नहीं हैं। ‘सामना’ ने सोमवार को अपने संपादकीय में कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के एक-दूसरे से लड़ने के कारण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जीत में फायदा मिला।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सदस्य हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुखपत्र ने यह सवाल भी उठाया कि अगर विपक्षी दलों के गठबंधन के घटक दल भाजपा के बजाय एक दूसरे के खिलाफ लड़ते रहे तो गठबंधन की क्या जरूरत है?
VIDEO | Parliament Budget Session: On INDIA alliance unity, Maharashtra Congress President Nana Patole says, “It’s not written on stamp that alliance is permanent. Alliance works as per its ideology. Making allegations on someone’s ideology is wrong.” (Full video available on… pic.twitter.com/YtiKefDj72 — Press Trust of India (@PTI_News) February 10, 2025
इस बारे में पूछे जाने पर नाना पटोले ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘भाजपा का कौन-सा गठबंधन बचा है। हमारे गठबंधन में घटक दलों की संख्या ज्यादा है। गठबंधन (का स्वरूप) कोई स्थायी तो नहीं होता, कोई स्टांप पेपर पर लिखा तो होता नहीं है। गठबंधन अपने अपने विचारधारा के हिसाब से काम करते हैं।”
महाराष्ट्र से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा के ऊपर आरोप लगाना गलत है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जिस अखबार का उल्लेख कर रहे हैं वो अखबार हम पढ़ते ही नहीं हैं।” पटोले ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से संसद भवन स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी सेविकाओं के विषय को लेकर वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से मिले और नेता प्रतिपक्ष ने विश्वास दिलाया कि वह इस विषय को सदन में उठाएंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)