मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, माधुरी मिसाल व संजय शिरसाट (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: सामाजिक न्याय मंत्री और शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट तथा राज्य मंत्री व बीजेपी नेता माधुरी मिसाल के बीच सामाजिक न्याय विभाग में अधिकारों को लेकर टकराव शुरू हो गया है। मंत्री मिसाल के विभाग की बैठक बुलाने और अधिकारियों को निर्देश देने पर कैबिनेट मंत्री शिरसाट ने पत्र लिखकर ऐतराज जताया था। उन्होंने मिसाल को कैबिनेट मंत्रियों के अधिकारों से अवगत कराया था।
माधुरी मिसाल ने मंत्री शिरसाट की आपत्तियों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि वह राज्य मंत्री के रूप में अपने अधिकारों के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से कानूनी राय लेंगी। अब इस मामले पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किसी को भी इस तरह का पत्र लिखकर विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। मंत्रियों को आपस में बात करनी चाहिए। यदि फिर भी कोई समस्या रह जाती है, तो मंत्री आकर मुझसे कह सकते हैं। मैं उनकी समस्याओं का समाधान करूंगा।
सीएम ने कहा कि आखिरकार, मंत्री और राज्य मंत्री दोनों एक ही सरकार का हिस्सा हैं। सभी शक्तियां मंत्री के पास होती हैं। फडणवीस ने स्पष्ट किया कि मंत्री जो शक्तियां देते हैं, वो राज्य मंत्री के पास होती हैं। इसमें कोई भ्रम नहीं होना चाहिए लेकिन इसका अर्थ ये भी नहीं है कि राज्यमंत्री बैठक नहीं बुला सकते हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह कहना गलत है कि राज्य मंत्रियों को बैठकें करने का अधिकार नहीं है। लेकिन यदि ऐसी बैठकों में कोई नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं, तो वे नीतिगत निर्णय मंत्री से बात किए बिना नहीं लिए जा सकते या अगर ऐसे निर्णय लिए जाते हैं, तो मंत्री की मंजूरी लेनी होगी। इसलिए मंत्रियों और राज्य मंत्रियों दोनों को सामंजस्य दिखाना चाहिए।
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महायुति सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने राज्य मंत्री माधुरी मिसाल पर उनके अधिकारों में अतिक्रमण करते हुए सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित करने और उन्होंने निर्देश देने का आरोप लगाया।
शिरसाट ने इसके लिए राज्यमंत्री मिसाल को एक पत्र लिखकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि मेरे विभाग की बैठक मेरी अध्यक्षता में आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने मिसाल को कैबिनेट मंत्री एवं राज्य मंत्री के अधिकारों का एहसास दिलाने का भी प्रयास किया था।