आनंददायक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Chandrapur News: विद्यार्थी हमारे देवता हैं। उन्हें अच्छी शिक्षा देना और उनकी प्रतिभा का विकास करना प्रत्येक शिक्षक का लक्ष्य होना चाहिए। आज कृत्रिम तकनीक और ई-मीडिया के युग में भी यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विद्यार्थी अपनी ज़मीन से जुड़ाव न खोएं। इसलिए पाठ्यक्रम के साथ-साथ खेलकूद, कला आदि को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आनंददायक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है, ऐसा राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा।
वे जिला परिषद में आयोजित शैक्षिक गुणवत्ता समीक्षा बैठक में बोल रहे थेन इस अवसर पर विधायक किशोर जोरगेवार, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी गिरीश धायगुड़े, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी नूतन सावंत, संभागीय शिक्षा उपनिदेशक माधुरी सावरकर, शिक्षा अधिकारी अश्विनी सोनवणे, राजेश पटले, मुख्य लेखा अधिकारी अतुल गायकवाड़, विनीत मत्ते आदि मंच पर उपस्थित थे।
चंद्रपुर में शैक्षिक गुणवत्ता समीक्षा बैठक में कई अच्छे बिंदु प्रस्तुत किए जाने का उल्लेख करते हुए, शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि आदर्श शिक्षकों की पहल को अन्य लोगों को भी उदाहरण के रूप में अपनाना चाहिए। उनके द्वारा किए गए कार्य केवल उनके स्कूलों तक ही सीमित न रहें, बल्कि पूरे केंद्र के स्कूलों को इसका अनुसरण करना चाहिए। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ग्राम स्तर पर स्कूलों का दौरा करना चाहिए। इससे स्थानीय स्तर पर छोटी-छोटी समस्याओं की जानकारी मिलती है और इन समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाता है।
📍चंद्रपूर | ७ ऑगस्ट २०२५
चंद्रपूर जिल्ह्यातील शाळांना अचानक भेट !
आज तालुका मुळ येथील जिल्हा परिषद प्राथमिक शाळा आगडी (केंद्र सूशी बीट) व जिल्हा परिषद प्राथमिक शाळा चिंचपली (केंद्र अजयपूर) या शाळांना सरप्राईज भेट दिली.#surprisevisit #schoolvisit #chandrapur #SchoolEducation pic.twitter.com/mNfliDUDnW
— Dadaji Bhuse (@dadajibhuse) August 7, 2025
सरकार ने स्कूलों की भौतिक सुविधाओं को प्राथमिकता दी है। इसमें स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, स्वच्छ शौचालय, भवनों का रखरखाव और मरम्मत, ई-सुविधाएं, पुस्तकालय, खेल के मैदान और प्रयोगशालाएं शामिल हैं। स्कूलों को और अधिक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। स्थानीय स्तर पर सीएसआर निधि, खनिज विकास निधि और अन्य स्रोतों से भी धनराशि उपलब्ध कराई जा सकती है। छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण अभिभावकों की उपस्थिति में किया जाना चाहिए। प्रत्येक छात्र का स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा। कक्षा 4 और 7 के लिए छात्रवृत्ति परीक्षा फिर से पहले की तरह शुरू करने की योजना है।
इसके अलावा, मंत्री भुसे ने कहा कि स्कूलों की संख्या बढ़ाना और आधार कार्ड के काम को बढ़ाना आवश्यक है। निपुण शाला अभियान में और अधिक प्रयास किए जाने चाहिए। इस माह के अंत तक जिला स्तर से तालुका स्तर तक शैक्षणिक कार्य पूरा कर लिया जाना चाहिए। प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने के लिए जिला परिषद के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए राज्य स्तरीय अटल खेलकूद प्रतियोगिता और बालासाहेब ठाकरे कला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि 15 अगस्त को राज्य स्तर पर देशभक्तिपूर्ण अभ्यास गतिविधि आयोजित की जाएगी।
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स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने जिले के सभी आदर्श शिक्षकों को बोलने का अवसर प्रदान किया। जिले के 50 आदर्श शिक्षकों द्वारा क्रियान्वित गतिविधियां सराहनीय हैं और हम विद्यार्थियों का तत्परता और रचनात्मकता से विकास कर सकते हैं। इन शिक्षकों ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। सभी शिक्षकों को अपनी पूरी क्षमता से नई पहलों को क्रियान्वित करना चाहिए। विधायक किशोर जोरगेवार ने यह भी अपेक्षा व्यक्त की कि चंद्रपुर जिले में आदर्श शिक्षकों की संख्या सबसे अधिक होनी चाहिए। उन्होंने जिले में शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की भी मांग की।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ स्कूल की भौतिक सुविधाओं से स्कूलों का कायाकल्प करने वाले आदर्श शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के समक्ष अपने-अपने स्कूलों की प्रस्तुति दी। इनमें शिक्षक दीपक गोटावाले, अविनाश जुमड़े, गिरिधर पनघाटे, मोहिनी देशमुख, सविता झाड़े, अजय मुसले, अली अजानी, शिल्पा ठाकरे, सोनाली चारवाल शामिल थे। कार्यक्रम का प्रास्ताविक शिक्षा अधिकारी अश्विनी सोनवणे और राजेश पाटले ने दिया। कार्यक्रम का संचालन विवेक इट्टद्वार ने किया और उप शिक्षा अधिकारी विशाल देशमुख ने आभार माना।