किसानों ने किया चक्काजाम (सौजन्य-नवभारत)
Chandrapur News: किसानों का सातबारा कोरा करने की मांग को लेकर पूर्व मंत्री बच्चू कडू के नेतृत्व में चंद्रपुर नागपुर महामार्ग पर वरोरा तहसील के खांबाडा में मंगलवार 23 सितम्बर को लगभग 3 घंटे तक किसानों द्वारा चक्का जाम आंदोलन किया गया। इसके चलते कई किमी तक वाहनों की कतारें लगी रही। इसका खामियाजा कई यात्रियों को भुगतना पड़ा। तत्पश्चात नायब तहसीलदार को मांगो का ज्ञापन सौपकर आंदोलन को समाप्त कर दिया। जानकारी के मुताबिक इस आंदोलन में 2 हजार किसान शामिल हुए थे।
किसान आज कर्ज में डूबे हुए हैं और आत्महत्या कर रहे हैं। चुनाव के दौरान सत्ताधारी दल ने किसानों का सातबारा कोरा करने का वादा किया था। लेकिन सातबारा कोरा नहीं हुआ। मजबूरन किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ा। पूर्व मंत्री और किसान नेता बच्चू कडू ने किसानों को न्याय दिलाने के लिए सरकार विरोधी आंदोलन का आह्वान किया था।
मंगलवार 23 सितंबर को चंद्रपुर नागपुर महामार्ग पर वरोरा तहसील के खांबाडा में सुबह 11.30 बजे चक्काजाम आंदोलन शुरू हुआ। यह आंदोलन दोपहर 2.30 बजे समाप्त हुआ। वरोरा, हिंगणघाट और समुद्रपुर के किसानों ने आंदोलन में भाग लिया। बच्चू कडू के साथ, किसान संघ के विदर्भ अध्यक्ष हेमंत इसनकर, शिवसेना जिलाध्यक्ष नितिन मत्ते (एकनाथ शिंदे समूह), किसान नेता किशोर डुकरे और अन्य नेता आंदोलन में उपस्थित थे।
किसानों की समस्याओं की अनदेखी करने का सरकार पर आरोप लगाते हुए, किसान नेता बच्चू कडू ने चंद्रपुर जिले में सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है प्रदर्शन के दौरान किसानों ने हाईवे पर यातायात अवरुद्ध कर दिया था। लगभग 12 किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गईं। हालाँकि, प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए रास्ता साफ़ करके समाज का ध्यान रखा। धरना स्थल पर ‘बच्चू कडू, आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं’ जैसे नारे गूंज उठे।
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प्रदर्शन में किसानों की मुख्य मांगें पूर्ण कर्ज़ माफ़ी, और जिन फसलों का बीमा हुआ है, उनके लिए पूर्ण फसल बीमा लागू किया जाए, खेतिहर मज़दूरों के प्रश्न, दिव्यांगों के लिए 6000 रुपये मासिक मानधन, साथ ही, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए ऑनलाइन आवेदन भरने की सुविधा की मांग किशोर डूकरे ने की। किसानों ने खराब सोयाबीन हाथ में लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
किसानों को संबोधित करते हुए बच्चू कडू ने कहा कि झंडा चाहे जो भी हो, किसान कपड़ा उगाते हैं। पौधे भले ही लंबे हो गए हों, लेकिन मौसम खत्म होने के बाद भी पेड़ फलियों से खाली हैं। इस विरोध प्रदर्शन में नायब तहसीलदार लोखंडे ने किसानों से चर्चा की।