चंद्रपुर. मनपा के अमृत योजना को लेकर जहां आरोप -प्रात्यारोप का दौर शुरू है. वहीं पिछले चार दिनों से शहर के सबसे व्यस्ततम जटपुरा गेट परिसर में वॉल्व लीकेज होने के कारण हजारों लीटर पानी रोजाना सडकों पर बह रहा है. इस ओर मनपा प्रशासन को किसी भी तरह कोई ध्यान नहीं है. लोग मनपा की पेयजलापूर्ति योजना के लचर व्यवस्था का उपहास उड़ा रहे है.
उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर शहर में बरसो पुरानी पाईप लाईनों में खराबी और लीकेज के साथ शहर की बढती आबादी को मद्देनजर रखते हुए करोड़ों रुपयों की अमृत पेयजल योजना शुरू की गई. जून 2017 में मनपा प्रशासन ने अमृत के काम का कार्यादेश ठेकेदार को दिया. काम की निगरानी के लिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को नियुक्त किया गया.
करार अनुसार दो वर्ष 2019 तक काम पूरा होना अपेक्षित था. परंतु 2023 तक पूरा नहीं हुआ है. इस मुद्दे को लेकर विधान परिषद में ध्यान आकर्षित किया गया. इस बारे में पूर्व पार्षद पप्पू देशमुख का कहना है कि विधानपरिषद में सरकार ने इस योजना के बारे में गलत जानकारी दी है. इस तरह से इस योजना को लेकर आरोप प्रात्यारोप जारही है. इन आरोपों में कितनी सच्चाई है इसका प्रमाण पिछले चार दिनों से जटपुरा गट परिसर में देखने को मिल रहा है.
जटपुरा गेट शहर का सबसे व्यस्ततम क्षेत्र है. यहां से रामनगर की ओर जानेवाले मार्ग पर एक स्थान पर वॉल्व लीकेज होने के साथ प्रतिदिन नल आते ही पानी सडकों पर बहने लगता है और इस बहते हुए पानी के बीच लोग पैदल, वाहनों से आगे बढते नजर आते है. इसकी वजह से परिसर के नागरिकों को पिछले चार दिनों से अनियमित जलापूर्ति हो रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले बारिश का मौसम शुरू होने के बाद भी एक दिन अंतराल में पेयजल आपूर्ति हो रही है अब इस तरह की खामियों के कारण और समस्या खडी हो गई है.