आकाशीय बिजली (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chandrapur Rain Damage: प्रकृति के साथ लोगों का खिलवाड़ दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसी का नतीजा है कि चंद्रपुर में शनिवार रात 11.15 से 12 बजे तक आसमान में अजीब नजारा देखने को मिला। बादलों की भयावह गर्जना और आकाशीय बिजली की चमक ने लोगों को भयभीत करके रख दिया। गरज-चमक के साथ भयंकर वज्रपात और बारिश हुई। सवा घंटे तक चले प्रकृति के रुद्रावतार से पूरा ज़िला दहल उठा।
लोगों ने कहा कि उन्होंने प्रकृति का इतना भयानक रुद्रावतार पहली बार देखा है। रात में कई स्थानों पर पेड़ जड़ों से उखड कर धराधायी हुए तो कुछ मकानों पर बिजली गिरने से नुकसान हुआ। बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई थी। लोगों ने तुरंत ही अपने सभी इलेक्ट्रानिक उपकरणों को स्वीच आफ कर दिया।
चंद्रपुर ज़िले में पिछले पाँच-छह दिनों से लगातार बारिश हो रही है। कभी-कभी गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। अगस्त महीने में जिले के नागभीड़, सिंदेवाही, वरोरा, गोंडपिपरी में बिजली गिरने से लोगों की जान जाने की घटनाएं हुई हैं। इस वजह से देखा जा रहा है कि इस साल जिले में बिजली गिरने की संख्या में वृद्धि हुई है। प्रकृति के साथ अबतक हुए खिलवाड़ का परिणाम भुगतना पड़ रहा है।
कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। हालांकि, शनिवार की रात लगभग 11.15 से 12 बजे के बीच जिले में बिजली गिरना, बादलों की गर्जना जिले के निवासियों के लिए कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस रात पौने घंटे तक लगातार बिजली और गड़गड़ाहट भयावह थी। उस समय घर भी हिलने लगे।
कई नागरिकों ने कहा कि उन्हें एक बड़े परमाणु बम विस्फोट जैसा अनुभव हुआ। बिजली और गड़गड़ाहट का अनुभव जिले के निवासियों ने उसी तरह किया जैसे भूकंप के कारण जमीन हिलती है।
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आधी रात में बादलों की गर्जना और बिजली की कड़कड़ाहट सामान्य से अलग और बेहद तीव्र थी। समझा जाता है कि इसके कारण कई लोगों के घरों में टीवी, कूलर, लाइट, पंखे और रेफ्रिजरेटर जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब हो गए। बिजली गिरने के दौरान लाइटें बंद थीं, फिर भी कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण क्षतिग्रस्त हो गए।
खगोलशास्त्री प्रो. सुरेश चोपने ने कहा कि शनिवार को आधी रात के आसपास, एक-दो घंटे तक बहुत तेज गड़गड़ाहट के साथ बिजली कड़की। यह सामान्य नहीं था। पिछले 15-20 वर्षों में ऐसी प्राकृतिक आपदा कभी नहीं देखी गई। चंद्रपुर शहर, वरोरा, भद्रावती, इन तहसील में इसका प्रभाव ज्यादा था। इसके साथ ही, पूरे जिले में यह भयावह रूप ले चुका था। प्रकृति का ऐसा रुद्रावतार देखने को मिल रहा है। इसलिए नागरिकों को सावधान रहना चाहिए।