बाघ पिंजरे में कैद (फोटो नवभारत)
Chandrapur Tiger Captured News: चंद्रपुर जिले के चिमूर, नागभीड, ब्रम्हपुरी व गोंडपिपरी क्षेत्र बाघों के हमले की वजह से संवेदनशील बने हुए है। वही 48 घंटों में सावली तहसील में 3 बाघों को पिंजरे में कैद होने की जानकारी सामने आई है। रविवार की शाम 2 बाघ पिंजरे में कैद किए गए जबकि सोमवार को देर शाम 1 बाघ वनविभाग के जाल में फंस गया। सहायक वनसंरक्षक तरसे ने बताया कि चौथे बाघ को पकडने की मुहिम जारी है।
सावली वन क्षेत्र के डोनाडा और गवारला के जंगलों में पिछले 2 महीनों से 4 बाघों का आतंक मचा हुआ था। वर्तमान में, तहसील में धान की कटाई का मौसम चल रहा है और ग्रामीणों की उक्त बाघों को पकड़ने की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। वनविभाग ने यहां पर इस दृष्टि से ठोस कदम उठाए थे।
चारों बाघों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया था। इस बीच रविवार की रात एक एक करके 2 बाघ वनविभाग के पिंजरे में कैद हो गए। सोमवार को भी वनविभाग की मुहिम जारी रही तब उसी परिसर से फिर एक बाघ को पकड़ने में वनविभाग को सफलता मिली।
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वन विभाग ने सोमवार देर शाम दावा किया कि वे चौथे बाघ को भी पकडने की दिशा में काम कर रहे है और इसमें जल्द ही सफलता मिलेगी। यह मुहिम सहायक वनसंरक्षक विकास तरसे, आरएफओ विनोद धुर्वे, परिवीक्षाधीन वन क्षेत्र अधिकारी दत्ता जाधव द्वारा वरिष्ठों के आदेश पर नियोजित तरीके से मुहिम को अंजाम दिया गया।
वनविभाग की टीम से आरएफओ घनश्याम नायगमकर, डॉ. कुंदन पोडचेलवार, अक्षय नारनवरे क्षेत्र सहायक अनंत राखुंडे, वन रक्षक मुंडे आदि ने सहयोग किया। आगे की कार्रवाई राजन तलमले के मार्गदर्शन में सहायक वनसंरक्षक तरसे तथा आरएफओ धुर्वे अपनी टीम के साथ कर रहे है। जिसमें चौथे बाघ को भी पकडने का लक्ष्य रखा गया है।