अस्पताल में विरोध प्रदर्शन करते परिजन (फोटो नवभारत)
Chandrapur News In Hindi: चंद्रपुर जिले के पोंभुर्णा तहसील के एक छोर पर स्मार्ट स्वास्थ्य केंद्र का शुक्रवार को उद्घाटन हो रहा था, वहीं दूसरी ओर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव और डॉक्टरों व कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण एक व्यक्ति की जान चली गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना गुरुवार, 16 अक्टूबर को पोंभुर्णा तहसील के नवेगांव मोरे स्वास्थ्य केंद्र में हुई।
मृतक के परिजनों ने इस घटना पर रोष व्यक्त किया और शव को अस्पताल में रखकर प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान आंदोलनकारी 10 घंटे तक अस्पताल में बैठे रहे। संबंधित चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। मृतक का नाम बंडू सलामे (55) है।
16 अक्टूबर को रात करीब 11 बजे नवेगांव मोरे निवासी बंडू सलामे को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उनकी हालत गंभीर थी। बंडू सलामे को उनके बेटे और रिश्तेदारों ने नवेगांव मोरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया। हालांकि, अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर और न ही कोई नर्स मौजूद थी। इसलिए, उन्हें तुरंत पोंभुर्णा के ग्रामीण अस्पताल में पहुंचाया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
समय पर प्राथमिक उपचार न मिलने और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बंडू सलामे की जान चली गई यह आरोप लगाते हुए मृतक बंडू सलामे के रिश्तेदारों ने ग्रामीण अस्पताल से शव को ले लिया और लगभग रात 1 बजे पोंभुर्णा से सीधे नवेगांव मोरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शव ले आए और ठिय्या प्रदर्शन शुरू कर दिया।
संबंधित चिकित्सा अधिकारी और दोषी कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग विरोध प्रदर्शन के दौरान की गई थी। लगभग दस घंटे बाद, 17 अक्टूबर को लगभग सुबह 11 बजे जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कटारे और अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आविष्कार खंडाले ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से चर्चा की और उनकी मांगें मान लीं।
यह भी पढ़ें:- दिवाली गिफ्ट! फडणवीस सरकार ने 45 अफसरों को दी बड़ी सौगात, 22 का हुआ प्रमोशन
उन्होंने चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रणय भगत और तहसील चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदेश मामीडवार के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस बीच, पुलिस प्रशासन तनावपूर्ण स्थिति को रोकने के लिए मुस्तैद रहा।
नवेगांव मोरे के सरपंच जगदीश सेमले ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लचर है। मार्च महीने से न तो प्रसव पीड़ित मरीज देखे गए हैं और न ही अस्पताल में रोशनी की व्यवस्था है। डॉक्टर और कर्मचारी अस्पताल में मौजूद नहीं हैं। इसी वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। इसलिए संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
चंद्रपुर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कटारे ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए, संबंधित चिकित्सा अधिकारी और तहसील स्वास्थ्य अधिकारी की जिम्मेदारी तय करके उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
ग्राम पंचायत चैक थानेवासना के सदस्य वैभव पिंपलशेंडे ने बताया कि एक तरफ स्मार्ट स्वास्थ्य केंद्रों का उद्घाटन होता है, वहीं दूसरी तरफ़ स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जान जाती हैं। हालांकि यहां स्वास्थ्य सुविधाओं और भर्ती व्यवस्था की कई बार मांग की गई है, लेकिन नवेगांव मोरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की अनदेखी की जा रही है। स्वास्थ्य सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराई जाएं और रिक्त पदों पर तुरंत भर्ती की जाए।