8 साल से नहीं बढ़ी आंगनवाड़ी पोषाहार की दर
Chandrapur News: महिला एवं बाल कल्याण विभाग पिछले आठ वर्षों से आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए भोजन तैयार करने वाली बचत समूह की महिलाओं को प्रति बच्चा केवल 8 रुपये दे रहा है। जिन केंद्रों पर बचत समूह नहीं हैं, वहां खाना बनाने वाली सहयोगियों को मात्र 65 पैसे प्रति यूनिट का भुगतान किया जाता है। rising महंगाई के बावजूद भुगतान दर न बढ़ना ग्रामीण महिलाओं पर सीधा अन्याय बताया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भी कई लंबित समस्याएँ हैं। इन सभी मुद्दों को आगामी शीतसत्र में उठाने की मांग राज्य आंगनवाड़ी कामगार संगठन के जिला कार्याध्यक्ष इमरान कुरैशी ने ब्रम्हपुरी के विधायक विजय वडेट्टीवार से की है।
आंगनवाड़ी के माध्यम से बालक, स्तनदा माताओं और गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार उपलब्ध कराया जाता है। सरकार के निर्देशानुसार, भोजन तैयार करने के लिए बचत समूहों की महिलाओं को नियुक्त किया जाता है। लेकिन आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने के बावजूद आठ वर्षों से भुगतान दर में कोई वृद्धि नहीं की गई है। जहां बचत समूह नहीं हैं, वहां अब्दुल कलाम अमृत आहार योजना और समृद्धि आहार योजना के तहत स्तनदा माता एवं गर्भवती माताओं के लिए भोजन तैयार करने पर सहयोगियों को मात्र 65 पैसे प्रति यूनिट दिया जा रहा है।
राज्य आंगनवाड़ी कामगार संगठन का कहना है कि यह भुगतान दर महिलाओं का शोषण है, इसलिए बचत समूहों को कम से कम 18 रुपये प्रति यूनिट और सहयोगियों को दोगुना मेहनताना दिया जाना चाहिए। इस संदर्भ में संगठन के जिला कार्याध्यक्ष इमरान कुरैशी ने पूर्व मंत्री एवं ब्रम्हपुरी के विधायक विजय वडेट्टीवार को विस्तृत ज्ञापन सौंपा है।
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ज्ञापन में आंगनवाड़ी कामगारों और कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह पे स्केल लागू करने, एफआरएस की अनिवार्यता हटाने, तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाले मेहनताने का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में दिए जाने की मांग की गई है। विधायक वडेट्टीवार ने आश्वासन दिया है कि वे शीतसत्र में पोषाहार दर वृद्धि सहित सभी संबंधित मुद्दों को मजबूती से उठाएंगे।