किसान की जलसमाधि (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Farmers Suicide: देश के 79 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान महाराष्ट्र में महायुति सरकार को सात जगहों पर अप्रिय घटनाओं के सामना करना पड़ा। इस दौरान बुलढाणा में सरकार के खिलाफ जल समाधि की घोषणा करनेवाला किसान शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान नदी के तेज बहाव में बह गया। इसी तरह राज्य में वर्धा, मुंबई, बुलढाणा, सोलापुर, इंदापुर में एक-एक तो वहीं धुले में सरकार के खिलाफ आत्मदाह की कोशिश की दो घटनाएं घटित होने का दावा कुछ रिपोर्टों में किया गया है।
स्वतंत्रता दिवस पर बुलढाणा के अडोल खुर्द गांव में घटी सनसनीखेज घटना के बारे में बताया जा रहा है कि जीगांव परियोजना से प्रभावित गांव वासी एवं किसान करणवाड़ी से अडोल खुर्द गांव तक सड़क को गड्ढा मुक्त बनाने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण उक्त सड़क के डामरीकरण की मांग कर रहे हैं। लेकिन खराब सड़क के कारण लोगों को हो रही परेशानी के प्रति सरकारी अधिकारी उदासीन बने रहे।
इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने 15 अगस्त को पूर्णा नदी में जल समाधि आंदोलन करने की घोषणा की थी। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आंदोलनकारी पुलिस के सामने नदी में कूद गए। इनमें शामिल किसान विनोद पवार, गहराई और पानी के बहाव अनुमान नहीं होने की वजह से नदी की तेज धारा में बह गया। उस दौरान वहां मौजूद लोग विनोद को बहते देख कर चिल्लाने लगे। लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मी विनोद को बचाने में नाकाम रहे। पुलिस की टीम अन्य एजेंसियों की मदद से विनोद को ढूंढ़ने का प्रयास कर रही है।
इसी तरह फलटण तहसील कार्यालय में 79वें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के उपरांत फलटण कोरेगांव के विधायक प्रहार किसान और दिव्यांग संगठन के प्रदर्शनकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान राजले के एक युवक निखिल निंबालकर ने एक बोतल में लाया गया पेट्रोल खुद पर उडेलकर आत्मदाह करने की कोशिश की। लेकिन प्रहार संगठन के एक जागरूक किसान ने निखिल को रोका और उसके हाथ से बोतल छीन ली।
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बताया जा रहा है कि निखिल, राजले में जनाई मंदिर से सरदे तक अतिक्रमण की गई सड़क के मुद्दे पर कई महीनों से फलटण तहसील कार्यालय और जिला कलेक्टर कार्यालय, सातारा में निवेदन दे रहा है। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है और न्याय न मिलने पर उसने आत्मदाह करने की कोशिश की है।