दूध संघ की आमसभा में विलास काटेखाये ने चेताया (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara District: खेती को अब पूरी तरह लाभकारी बनाना आसान नहीं रहा है क्योंकि मौसम के उतार-चढ़ाव से किसानों को बार-बार नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे समय में दूध का व्यवसाय किसानों के लिए मुख्य आधार बन सकता है। किसानों को निजी दूध कंपनियों और व्यापारियों द्वारा बार-बार ठगा गया है, इसलिए अब समय है कि किसान सहकारी संघ को दूध की आपूर्ति कर आर्थिक उन्नति साधें। यह प्रतिपादन भंडारा जिला दूध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष विलास काटेखाये ने किया। सोमवार को मंगलम कार्यालय में आयोजित जिला दूध संघ की आमसभा में वे बोल रहे थे।
जिला दूध उत्पादक सहकारी संघ की 21वीं वार्षिक आमसभा शनिवार को मंगलम सभागृह, भंडारा में आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि संघ किसानों को समय पर भुगतान कर रहा है जबकि कई संस्थाएं समय पर भुगतान नहीं करतीं। त्योहारों के समय दूध की मांग अधिक रहती है लेकिन उत्पादन घट जाता है। ऐसे में खर्च बढ़ जाता है। संघ का मासिक खर्च 60 से 70 लाख रुपये तक है। वर्तमान में संघ का सुगंधित दूध और हलवा राज्य के बाहर भी भेजा जा रहा है। 2 करोड़ 56 लाख रुपये का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है, जिसे विधायक परिणय फुके की मध्यस्थी से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
आमसभा में बैलन्स शीट, व्यापारी पत्रक, नफातोटा पत्रक को मंजूरी दी गई। अतिरिक्त व्यय को भी स्वीकृति प्रदान की गई। संचालन और आभार प्रदर्शन कार्यकारी संचालक करण रामटेके ने किया। इस अवसर पर मंच पर पूर्व सांसद मधुकर कुकड़े, राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव धनंजय दलाल, जिला मध्यवर्ती बैंक के अध्यक्ष सुनील फुंडे, अर्बन बैंक अध्यक्ष नाना पंचबुद्धे, डॉ. श्रीकांत वैरागड़े, हितेश सेलोकर, आशीष मेश्राम समेत अनेक मान्यवर उपस्थित थे।
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जिला बैंक अध्यक्ष सुनील फुंडे ने कहा कि संघ का लाभ घट रहा है, जबकि खर्च लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में खर्च में कटौती करना जरूरी है। परिवहन व रोजंदारी पर होने वाला खर्च घटाया जाए। दूध की गुणवत्ता के आधार पर खरीद की जाए ताकि मिलावट रोक सकें। उन्होंने यह भी मांग की कि अकाल और असमय बारिश से प्रभावित किसानों को सरकार कर्जमुक्त करें और उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान करें।