शरद पवार गुट (सौजन्य-नवभारत)
Bhandara News: भंडारा राज्य में तूफान, बेमौसम बारिश और बाढ़ से फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसान गंभीर आर्थिक संकट में हैं। लेकिन सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने फर्जी, अपर्याप्त और भ्रामक बताया है।
इस मुद्दे पर पार्टी ने ‘काली दिवाली’ मनाने और मौन आंदोलन करने की घोषणा की है। पार्टी के जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक चरण वाघमारे ने पत्रकार परिषद में कहा कि सरकार का घोषित पैकेज वास्तव में एनडीआरएफ के पुराने प्रावधानों का दोहराव है, इसमें कोई नई सहायता नहीं दी गई है।
उन्होंने कहा कि 68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें नष्ट हुई हैं, फिर भी सरकार ने केवल 13,000 करोड़ रुपये की घोषणा की है, जबकि प्रति हेक्टेयर न्यूनतम 50,000 रुपये के हिसाब से 35,000 करोड़ रुपये की सहायता अपेक्षित थी। घर, दुकान और पशुधन के लिए दी जा रही मदद भी केवल एनडीआरएफ के निकषों के अनुसार है।
वाघमारे ने कहा कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए प्रत्येक प्रभावित परिवार को कम से कम 2.5 लाख रुपये की प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। उन्होंने फसल बीमा योजना में कंपनियों की मनमानी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि गलत ट्रिगर के कारण किसानों को दोहरी हानि उठानी पड़ी है।
उन्होंने मांग उठाई कि सरकार तुरंत बंद की गई योजनाएं जैसे ‘आनंदाचा शिधा’, ‘माझी सुंदर शाळा’, ‘1 रुपये में फसल बीमा’, ‘योजनादूत योजना’ और ‘मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना’ पुनः शुरू करे। विद्यार्थियों को शैक्षणिक फीस माफी दी जाए, किसानों के कर्ज माफ किए जाएं और ओले से हुए नुकसान को आपदा घोषित किया जाए।
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इसी के विरोध में शुक्रवार 17 अक्टूबर सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक भंडारा जिलाधिकारी कार्यालय के सामने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की ओर से सांकेतिक मौन आंदोलन आयोजित किया जाएगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष चरण भाऊ वाघमारे, विनोद वटी, चंद्रशेखर भिवगडे, अजय मेश्राम, गीतेश ठोंबरे, मधुकर चौधरी, दुलीचंद देशमुख, मधुकर भोपे, नितेश मारवाडे और राकेश श्यामकुवर उपस्थित रहेंगे।