ठक्कर बाप्पा कृषि क्रांति योजना की समीक्षा। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
भंडारा: आदिवासी विकास विभाग की विविध योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए आदिवासी विकास मंत्री डॉ. अशोक उइके ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी आश्रम विद्यालयों में गुणवत्ता बनाए रखने तथा उनमें प्रवेश की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने ठक्कर बाप्पा योजना, बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना और वन अतिक्रमण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की भी विस्तृत समीक्षा की।
बैठक में सांसद प्रशांत पडोले, विधायक राजू कारेमोरे, उपायुक्त (सामान्य प्रशासन) तेजुसिंह पवार, अतिरिक्त आदिवासी आयुक्त (आदिवासी विभाग, नागपुर) आयुषी सिंह सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। उइके ने कहा कि योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अगले दो माह में पुनः समीक्षा की जाएगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एजेंसियों को अधिक कुशलता से काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजनाएं लाभार्थियों तक पहुंचें। उन्होंने राजस्व विभाग को जनजातीय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल के मैदानों के निर्माण के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अध्ययन कक्ष बनाने के लिए स्थान उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
तो वहीं आदिवासी विकास मंत्री अशोक उइके एक दिवसीय दौरे पर भंडारा जिले में पहुंचे। इस दौरान विश्रामगृह में आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ताओं को पत्र देकर बुलाया गया था। मौके पर ऑल इंडिया आदिवासी एम्प्लॉइज फेडरेशन, भंडारा जिला शाखा के पदाधिकारियों ने मंत्री को आदिवासी समाज की ज्वलंत समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने से पहले मंत्री उइके का फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रशांत पडोले और विधायक राजू कारेमोरे उपस्थित थे।
ज्ञापन में मांग की गई कि आदिवासी विकास विभाग की ₹335.70 करोड़ की राशि को ‘लाडली बहन योजना’ में क्यों हस्तांतरित किया गया, इसका स्पष्टीकरण दिया जाए और यह राशि वापस लेकर आदिवासी विकास की मूल योजनाओं में प्रयोग की जाए। अनुसूचित जनजाति वर्ग से किसी भी योजना या पद के लिए आवेदन करने वालों से जाति वैधता प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से लिया जाए। अनुसूचित जनजाति वर्ग में अन्य किसी भी जाति को शामिल न किया जाए। आदिवासी विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुविधा बढ़ाने हेतु प्रत्येक तहसील में वाचनालय शुरू किए जाएं। जिला अधिकारी कार्यालय परिसर में राजे बक्त बुलंदशाह की प्रतिमा लगाई जाए।
सहकारी संस्थानों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए अलग आरक्षित पद तय किए जाएं। जंगली जानवरों से घायल लोगों को तत्काल मुआवजा प्रदान करने की व्यवस्था की जाए, ऐसी मांग की गई है। ज्ञापन सौंपते समय ऑल इंडिया आदिवासी एम्प्लॉइज फेडरेशन, भंडारा शाखा के अध्यक्ष गोवर्धन कुंभरे, सचिव डॉ. प्रमोद वरकडे, सलाहकार अजबा चिचामे, डॉ. ताराचंद येलणे, गणपत मडावी, एकनाथ मडावी, धनलाल तिलगामे सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।