जिलाधिकारी को सौंपा न्याय मांगो का ज्ञापन। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
भंडारा: भूमि अभिलेख विभाग के कर्मचारियों की विभिन्न लंबित मांगों पर सरकार द्वारा निर्णय न लिए जाने के कारण विदर्भ भूमि अभिलेख कर्मचारी संगठन ने सोमवार 26 से अनिश्चितकालीन कामबंद आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन में भंडारा जिला शाखा के अध्यक्ष फिरोज खान, केंद्रीय कार्यकारिणी उपाध्यक्ष सुलोचना बडगे, सचिव सतीश साकुरे और जिले के सभी कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। आंदोलन के माध्यम से जिलाधिकारी डॉ. संजय कोलते को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
संघ के अध्यक्ष दिलीप गर्जे और महासचिव श्रीराम खिरेकर के मार्गदर्शन में विदर्भ के राजस्व आयुक्त डॉ. सुहास दिवसे को भी ज्ञापन भेजकर राज्यभर के भूमि अभिलेख कर्मचारियों की समस्याओं को समझने के लिए तत्काल बैठक बुलाने की मांग की गई है। भूमि अभिलेख विभाग का कार्य तकनीकी प्रकृति का होने के बावजूद कर्मचारियों को अभी तक तकनीकी दर्जा व वेतनमान नहीं दिया गया है।
एन.के. सुधांशु समिति की रिपोर्ट सरकार के पास होने के बावजूद अभी तक उसे मंजूरी नहीं मिली है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है। सरकार द्वारा पदनाम परिवर्तन को स्वीकृति दी गई है, फिर भी पुराने पदनामों का ही उपयोग किया जा रहा है। मांग है कि इस संबंध में तत्काल आदेश जारी कर उसे लागू किया जाए। गांव सीमांकन का कार्य मौजूदा कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है और कई पद रिक्त होने के कारण कार्यभार बढ़ गया है।
स्वामित्व योजना के अंतर्गत कम से कम 1,000 रखरखाव सर्वेक्षक पदों का सृजन किया जाना चाहिए। ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण कर्मचारियों को देर रात तक काम करना पड़ता है, सॉफ्टवेयर की कार्यक्षमता अपर्याप्त है तथा छुट्टियों के दिन भी उन्हें काम सौंपा जाता है, जिससे पारिवारिक जीवन प्रभावित होता है। कई कर्मचारी अपने लैपटॉप का उपयोग करके सरकारी काम कर रहे हैं।
संगठन ने मांग की है कि सरकार कर्मचारियों को सरकारी लैपटॉप उपलब्ध कराए, ग्रुप बी और ग्रुप सी में हजारों पद रिक्त हैं और मौजूदा कर्मचारियों पर अतिरिक्त काम का बोझ है। इसलिए पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए और वरिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नत किया जाना चाहिए। सामान्य स्थानांतरण में काउंसलिंग पद्धति पर आधारित सूची सार्वजनिक की जाए, यात्रा भत्ता और कार्यालय व्यय अनुदान समय पर न मिलने के कारण कर्मचारियों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है। यह अनुचित है और भुगतान समय पर करना चाहिए।
संघ के महासचिव श्रीराम खिरेकर ने कहा, “हम न्याय मांग रहे हैं, कृपा नहीं। सरकार केवल घोषणाएं न करे, बल्कि उन पर अमल भी करे।” अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो संघ कठोर आंदोलनात्मक कदम उठाने को तैयार है। विदर्भ भूमि अभिलेख कर्मचारी संघ जल्द ही प्रतिनिधियों की बैठक लेकर आगे की नीति तय करेगा। यदि सरकार ने समय पर निर्णय नहीं लिया, तो संघर्ष टालना मुश्किल होगा, ऐसा स्पष्ट संकेत संघ ने दिया है।