मिलावटखोरों पर FDA का शिकंजा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara District: दिवाली की रौनक में मिलावटखोर व्यापारियों की साजिश अब बेनकाब हो रही है। मिठाई, मावा, पनीर, खाद्य तेल, रवा और बेसन में जहर घोलने वाले दुकानदारों पर अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) ने तगड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। जिलेभर में छापेमारी के दौरान 19 दुकानों की बारीकी से जांच की गई और 28 खाद्य पदार्थों के नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए हैं। छापेमारी के दौरान हरदोली मिल्क प्रॉडक्ट्स, हरदोली (तहसील तुमसर) की डेअरी से 1,056 लीटर दूध का भंडार जब्त किया गया।
भंडारा एफडीए की कार्रवाई में 6 दूध के नमूने, 1 मावा, 1 घी, 4 खाद्य तेल, 4 मिठाई और 12 अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए। प्रारंभिक जांच में कई नमूनों की गुणवत्ता नियमों का घोर उल्लंघन सामने आया है। अब तक 19 दुकानों की जांच पूरी की गई है। इनमें से 2 मामलों में दंडात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं, जबकि 17 मामलों की लैब रिपोर्ट का इंतजार है। जैसे ही रिपोर्ट मिलेंगी, दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है। नियमों के मुताबिक, हर माह कम से कम 50 खाद्य नमूनों की जांच अनिवार्य है।
त्योहारों में यह संख्या और बढ़नी चाहिए, लेकिन अधिकारी न होने के कारण नमूना संकलन, जांच, रिपोर्ट और अभियोजन की प्रक्रिया अधूरी रह जाती है। गोंदिया के सहायक आयुक्त को फिलहाल भंडारा जिले का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। नतीजा, दो जिलों का बोझ एक अधिकारी के कंधे पर आ गया है। इससे न तो गोंदिया के साथ न्याय हो रहा है और न ही भंडारा जिले के साथ। त्योहारों के सीजन में मिठाई, नमकीन, मावा और तेल की भारी मांग के बीच एफडीए की सतर्कता जरूरी है। लेकिन पिछले तीन सालों से भंडारा जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के सभी पद खाली हैं। इस प्रशासनिक लापरवाही के कारण मिलावटखोरों पर प्रभावी नकेल कसना मुश्किल हो गया है।
भंडारा जिले में करीब 5,500 खाद्य प्रतिष्ठान एफडीए के नियंत्रण में हैं। जिनमें डेअरी, होटल, किराना दुकानें और स्टॉल शामिल हैं। इसके अलावा 300 राइस मिलें और 3 तेल मिलें भी नियमित जांच के अधीन हैं। तीन स्वीकृत अधिकारी पदों में से एक भी भरा नहीं गया, जिससे पूरी जवाबदारी अकेले सहायक आयुक्त पर आ टिकी है। राज्य सरकार ने स्पष्ट आदेश दिया है कि हर मिठाई या खाद्य वस्तु पर निर्माण तिथि और उपभोग की अंतिम तिथि साफ-साफ लिखी जाए। लेकिन अधिकांश दुकानदार नियमों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं।
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अन्न व औषध प्रशासन भंडारा के सहायक आयुक्त यदुराज दहातोंडे ने कहा कि ‘त्योहार महाराष्ट्र का, संकल्प अन्न सुरक्षा का’ अभियान के तहत उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हर प्रतिष्ठान को गुणवत्तापूर्ण अन्न देना अनिवार्य है। जो नियम तोड़ेगा, उस पर कठोरतम कार्रवाई होगी।