Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • हेल्थ
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Aaj ka Rashifal |
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Donald Trump |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

किसानों को बुनियादी धान खरीद केंद्र शुरू होने की प्रतीक्षा, व्यापारी दरों पर धान बेचने को मजबूर

Bhandara Farmers: दिवाली नजदीक है परंतु किसानों के घरों में अंधकार फैला है। किसान दिवाली खर्च चलाने के लिए अपना धान कम कीमत पर निजी व्यापारियों को बेचने पर मजबूर हैं।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Oct 13, 2025 | 08:22 PM

किसानों को बुनियादी धान खरीद केंद्र शुरू होने की प्रतीक्षा (सौजन्यः सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Bhandara District: दिवाली का त्योहार नजदीक है। गांवों में बाजार जगमगा रहे हैं, घरों में रंगाई-पुताई का काम जोरों पर है, परंतु किसानों के घरों में अब भी अंधकार छाया हुआ है। खेतों में धान की फसल तैयार है, लेकिन बाजार में उचित भाव नहीं और शासकीय धान खरीद केंद्र अब तक शुरू नहीं हुए हैं। परिणामस्वरूप, किसान दिवाली खर्च चलाने के लिए अपना धान कम कीमत पर निजी व्यापारियों को बेचने पर मजबूर हैं।
अक्टूबर की शुरुआत से ही हल्के किस्म के धान की कटाई और मड़ाई शुरू हुई।

परंतु इस वर्ष लौटती बारिश और रोगों ने किसानों की कमर तोड़ दी। खेतों में गिरे और सड़े हुए धान के कारण उत्पादन घटा और गुणवत्ता भी खराब हुई। फिर भी किसानों ने दिवाली से पहले कुछ राहत की उम्मीद में फसल काटी, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक खरीद केंद्र शुरू न होने से उनकी आशा निराशा में बदल गई।

धान घर में, पर पैसा नहीं

इस समय जिले के किसानों के घरों और आंगनों में धान की बोरियां ढेर लगी हैं, लेकिन उन बोरियों से मिलने वाला पैसा अब तक हाथ में नहीं आया। शासकीय आधारभूत खरेदी केंद्र अभी तक शुरू नहीं हुए हैं, जिससे किसानों को व्यापारियों की ओर रुख करना पड रहा है। व्यापारी किसानों से सरकार के भाव से ₹200 से ₹300 प्रति क्विंटल कम दर पर धान खरीद रहे हैं। परंतु दिवाली के खर्च, मजदूरों के भुगतान और घर की आवश्यकताओं के चलते किसानों के पास और कोई विकल्प नहीं है।

केवल आश्वासन, कार्रवाई नहीं

धान खरीद केंद्रों में हो रही देरी का मुद्दा जिला नियोजन समिति की बैठक में विधायक राजू कारेमोरे ने उठाया। इस पर पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने जल्द मंत्रालय में बैठक बुलाने का आश्वासन दिया। लेकिन किसानों को अब केवल आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई चाहिए। प्रशासनिक देरी का खामियाजा किसान घटे हुए दामों में चुकता कर रहे हैं।

किसानों के घरों में अंधेरी दिवाली

जहां शहरों में दिवाली की रौनक, मिठाइयां और खरीदारी का माहौल है, वहीं किसानों के गांवों में टूटी बोरियों और गिरी हुई फसल का दृश्य है। किसान कहते हैं “धान उगाया, पर भाव का फल नहीं मिला” सरकार ने समर्थन मूल्य तो घोषित किया, पर खरीद केंद्र न खुलने से किसान निजी व्यापारियों के रहम पर हैं। व्यापारी इस स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे हैं। दिवाली के दीपों की चमक के पीछे, किसानों की आंखों में नमी है, क्योंकि खेतों में सोने जैसा धान उगाने वाले इन किसानों के घरों में इस साल रोशनी नहीं, बेबसी की छाया है। किसानों की स्पष्ट मांग है कि सरकार तत्काल बुनियादी धान खरीद केंद्र शुरू करे, ताकि उनका परिश्रम व्यर्थ न जाए।

ये भी पढ़े: गोंडपिपरी तालुका को सूखा प्रभावित सूची से हटाया, किसान नाराज़, ज़िले के 14 तालुका शामिल

किसानों की प्रतिक्रिया

किसान राजकुमार मते ने कहा कि सरकार हर साल कहती है कि धान खरीद जल्द शुरू होगी, पर वास्तव में कुछ नहीं होता। इस बार भी दिवाली नजदीक है, लेकिन खरीद केंद्र अब तक शुरू नहीं हुए। किसान इंतजार में हैं, पर उम्मीदें धुंधली पड़ गई हैं।

किसान मंगेश उके ने कहा कि धान तैयार है लेकिन बेचें किसे? केंद्र खुले नहीं हैं। व्यापारी ने 2100 रुपये भाव दिया, जबकि सरकार का दर 2369 रुपये है। 200 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान झेलकर बेचना पड़ा, क्योंकि घर में दिवाली का खर्च चलाना था। तीन क्विंटल धान बेच दिया, पर मन में कसक है, अपनी मेहनत, अपना धान, लेकिन भाव कोई और तय करता है।

Farmers await the opening of basic paddy procurement centers

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 13, 2025 | 08:22 PM

Topics:  

  • Bhandara News
  • Farmers deprived
  • Maharashtra

सम्बंधित ख़बरें

1

13 साल की बच्ची की हत्या से सतारा में बवाल! हत्यारे को फांसी की मांग, हजारों लोग सड़क पर उतरे

2

41% कमीशन स्कैंडल” दोबारा गरमाया! नरेश म्हास्के ने विचारे पर लगाए बम जैसे आरोप

3

महाराष्ट्र में फिर बारिश की चेतावनी, 15 अक्टूबर से आएगी तूफानी बारिश; मौसम विभाग की जानकारी

4

ऑपरेशन ब्लू स्टार पर बवाल! संजय निरुपम ने कांग्रेस से मांगा जवाब

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.