अस्पताल के कांच टूटे (फोटो नवभारत)
Bhandara News In Hindi: भंडारा शहर के खांब तालाब रोड क्षेत्र में दो दिन पहले निकाली गई एक विसर्जन शोभायात्रा के दौरान बजाए गए डीजे के शोर से आसपास स्थित अस्पताल में भारी नुकसान हुआ। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र व्यवहारे के अस्पताल की खिड़कियों के शीशे टूट गए और दीवारों में दरारें पड़ गईं। इस घटना ने एक बार फिर अनियंत्रित डीजे ध्वनि और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विसर्जन यात्रा में एक के बाद एक तीन डीजे सिस्टम का उपयोग किया गया। इससे उत्पन्न तीव्र ध्वनि कंपन के कारण आसपास के घरों के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों और नागरिकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।’
अस्पताल के कर्मचारियों ने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और डीजे संचालकों से आवाज कम करने का अनुरोध किया, साथ ही यह भी बताया कि अस्पताल में गंभीर मरीज भर्ती हैं, लेकिन पुलिस और डीजे ऑपरेटरों ने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया। परिणामस्वरूप, डीजे के तेज़ कंपन से अस्पताल की खिड़कियों के शीशे टूट गए और दीवारों में दरारें आ गई।
इस घटना के बाद नागरिकों में तीव्र रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि जब नियमों का पालन सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी है, तो ऐसे हालात में उनकी चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। त्योहार मनाना गलत नहीं, लेकिन अगर उत्सव के नाम पर नियमों की अनदेखी होती रहे, तो अनुमति देने का औचित्य ही समाप्त हो जाता है।
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भंडारा बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र व्यवहारे ने कहा कि त्योहार मनाना गलत नहीं, लेकिन नियमों का पालन करना आवश्यक है। डीजे का तेज़ और कर्कश शोर लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। ऐसे मामलों में डीजे को अनुमति देने वाले अधिकारियों पर ही कार्रवाई होनी चाहिए।
जब पुलिस ही अपनी जिम्मेदारी भूल जाए, तो आम नागरिक न्याय के लिए किसके पास जाए? प्रशासन को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए, वरना शहर की शांति और नागरिकों का स्वास्थ्य दोनों खतरे में पड़ जाएंगे।