वाल्मिक कराड (सौजन्य-सोशल मीडिया)
बीड: महाराष्ट्र में बीड जिले के मस्सजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले पुलिस अभी भी जांच में लगू हुई है। इस हत्याकांड मामले में 5 अहम गोपनीय गवाहों के बयान सामने आए हैं। साथ ही वाल्मिक कराड, विष्णु चाटे, सुदर्शन घुले और उसके गिरोह के आतंक कैसा है इसकी पुष्टि इन गवाहों के बयानों से साफ हो चुका है।
प्रतीक घुले और सुधीर सांगले सुदर्शन घुले को अपना भाई मानते थे और उसे भाई कहकर बुलाते थे। गांव और आसपास के इलाके में तीनों का काफी आतंक है। तीनों वाल्मीक कराड के निर्देश पर रंगदारी वसूलने का काम कर रहे थे, ऐसा एक गोपनीय गवाह ने बताया है।
गोपनीय गवाह ने अपने बयान में कहा मैं सुदर्शन घुले, प्रतीक घुले और सुधीर सांगले को जानता हूं, जो हमारे गांव में रहते हैं। प्रतीक घुले रिक्शा चलाता था, जबकि सुधीर सांगले का होटल गंगमौली शुगर फैक्ट्री में था। सुदर्शन घुले शुगर फैक्ट्री में फोरमैन का काम करता था। प्रतीक घुले और सुधीर सांगले दोनों सुदर्शन घुले को अपना भाई मानते थे। वे उसे भाई कहकर बुलाते थे। गांव और इलाके में इन तीनों का बहुत आतंक है। तीनों वाल्मिक कराड के निर्देश पर रंगदारी वसूलने का काम करते हैं।
वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें उसके अपने गिरोह के लोग भी शामिल थे। संतोष देशमुख हत्याकांड के एक अन्य गोपनीय गवाह ने अपने बयान में कहा कि वाल्मिक कराड ने जिले में अपना दबदबा कायम करने के लिए कई गिरोह बनाए हैं। इस गिरोह के जरिए वह कई कंपनियों से रंगदारी मांगता है, लेकिन देता नहीं है।
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गवाह ने आगे बताया कि अगर वह कंपनी बंद कर देता है, तो रंगदारी के लिए उसमें बाधा डालता है, मारपीट करता है या अपहरण कर लेता है और मारपीट कर आतंक फैलाता है। डर के कारण कोई भी वाल्मिक कराड के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कराता है। अगर वे शिकायत दर्ज कराने पुलिस थाने भी जाते हैं, तो शिकायत दर्ज नहीं की जाती है। वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करने वाले लोग उनके ही गिरोह के थे।