प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई. देश के साथ-साथ महाराष्ट्र के लाखों प्याज और बासमती चावल उत्पादक किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की शर्तें केंद्र सरकार ने खत्म कर दी हैं। इससे किसान अब बिना कोई शुल्क चुकाए प्याज और बासमती चावल का निर्यात कर सकेंगे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले लिए गए केंद्र सरकार के इस निर्णय से किसानों के साथ-साथ महाराष्ट्र की बीजेपी महायुति सरकार के नेता भी भारी राहत महसूस कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विधायक चंद्रशेखर बावनकुले ने किसानों के हित में निर्णय लेने के लिए राज्य के लाखों किसानों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का आभार माना है।
महाराष्ट्र में, मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र में बड़ी मात्रा में प्याज का उत्पादन होता है, जबकि कोंकण और पूर्वी विदर्भ में बासमती और चावल की अन्य किस्मों का रिकॉर्ड उत्पादन होता है। केंद्र सरकार के फैसले से महाराष्ट्र के किसानों को काफी लाभ मिलेगा।
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केंद्र सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशक संतोष कुमार ने एक अधिसूचना जारी कर प्याज निर्यात पर लगाए गए न्यूनतम निर्यात मूल्य को अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। बावनकुले ने विश्वास जताया कि इस फैसले से महाराष्ट्र के लाखों प्याज उत्पादक किसानों को उनके माल की अच्छी कीमत मिलेगी। इससे पहले, काद्या पर एमईपी 550 अमेरिकी डॉलर प्रति टन लगाया गया था।
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इसके साथ ही केंद्र सरकार ने बासमती चावल पर 950 डॉलर प्रति टन के निर्यात मूल्य को भी रद्द कर दिया है। इससे विदर्भ के बासमती चावल उत्पादक किसान अपना चावल सीधे विदेशी बाजार में बिक्री के लिए भेज सकेंगे। बासमती चावल का निर्यात बढ़ेगा और धान उत्पादकों की आय में काफी वृद्धि होगी।