बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर (pic credit; social media)
Bank of Baroda Manager Suicide: पुणे से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर ने बैंक में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। स्थानिय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मौके से सुसाईड नोट बरामद किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर शिवशंकर मित्रा (52 वर्ष) मूल रूप से उत्तर प्रदेश प्रयागराज के रहने वाले थे। वह बारामती की भिगवण रोड शाखा में कार्यरत थे। गुरुवार की रात उन्होंने ब्रांच में मौजूद अपने दफ्तर में ही फांसी लगाकर जान दे दी। हालांकि, अब तक आत्महत्या के पीछे का कारण पता नहीं चल पाया है। पुलिस इसकी जांच कर रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स के बाद ही आधिकारिक तौर पर पुष्टि की जाएगी। लेकिन मित्रा द्वारा छोड़ी गई सुसाइड नोट से कई बातें सामने आई हैं।
शिवशंकर मित्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “मैं शिवशंकर मित्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा, बारामती शाखा का मुख्य प्रबंधक, आज बैंक के अत्यधिक काम के दबाव के चलते आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी बैंक से विनती है कि कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव न डाला जाए। सभी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और पूरी मेहनत से काम करते हैं। वह अपना 100 फीसदी देते हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रहे हैं। इसमें उनके परिवार का कोई दोष नहीं है। वह सिर्फ बैंक के अत्यधिक दबाव के चलते यह कदम उठा रहें है। उन्होंने आगे लिखा, “मेरी पत्नी प्रिया और बेटी माही मुझे माफ करना। हो सके तो मेरी आंखें दान कर देना”
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, शिवशंकर मित्रा ने आत्महत्या से पांच दिन पहले ही बैंक प्रबंधन को पत्र लिखकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की मांग की थी, क्योंकि वे बढ़ते दबाव से मानसिक रूप से टूट चुके थे। लेकिन बैंक से उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिससे निराश होकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।
फिलहाल पुणे पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। मित्रा की आत्महत्या ने बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों पर पड़ रहे मानसिक दबाव और काम के तनाव को एक बार फिर उजागर कर दिया है। यह दुखद घटना कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है।