औरंगाबाद गुफाएं (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar News In Hindi: बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने शहर के औरंगाबाद गुफा क्षेत्र में अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के लिए एक स्वयं स्युमोटो याचिका दायर की है।
याचिका की प्रारंभिक सुनवाई में जिलाधिकारी, पर्यटन विभाग, राज्य सरकार, पुरातत्व विभाग के महानिदेशक, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुरातत्व विभाग अधीक्षक, छत्रपति संभाजीनगर व जिला खनन अधिकारी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। खंडपीठ ने न्यायमित्र एड चंद्रकांत थोरात को नियुक्त किया है। बताया जाता है कि, गुफा क्षेत्र में 38.60 हेक्टेयर भूमि पर अवैध उत्खनन हुआ है।
औरंगाबाद की गुफाएं छठी व आठवीं शताब्दी के बीच बनाई गई थीं। इन्हें राष्ट्रीय स्मारक में शामिल किया गया है। गुट क्रमांक 29 में गुफा क्षेत्र में 38।60 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इस क्षेत्र में मुरुम का अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है। जेसीबी व पोकलेन के माध्यम से किए जा रहे उत्खनन में विस्फोट का उपयोग किया जाता है। इससे राष्ट्रीय स्मारक के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है।
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उत्खनन गुफा के आधार तक पहुंच गया है। एड चंद्रकांत थोरात ने बताया कि, प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टरों से अवैध रूप से उत्खनन किया मुरूम को निकाला जा रहा है। पुरातत्व विभाग के साथ राजस्व विभाग भी इस ओर लापरवाही दिखा रहा है। हर साल बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक गुफाओं को देखने आते हैं। उत्खनन से बड़े पैमाने पर अतिक्रमण गुफाओं की सुंदरता में बाधा उत्पन्न कर रहा है।