प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया )
Sambhajinagar Water Supply Project: छत्रपति संभाजीनगर शहर की बहुप्रतीक्षित नई जलापूर्ति योजना पर अब तक लगभग 2,000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, जबकि शेष कार्यों को पूरा करने के लिए अभी लगभग 700 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। योजना के लिए अतिरिक्त 300 करोड़ रुपए की मांग का कोई प्रस्ताव अब तक प्रस्तुत नहीं किया गया है। योजना के लिए 300 करोड़ अधिक खर्च होने की जो खबरें आ रही है, वह पूरी तरह निराधार है। यह जानकारी मनपा प्रशासक जी। श्रीकांत ने दी। प्रशासक के अनुसार, कुल 2,740 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना के काम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। विभागीय आयुक्त के नेतृत्व में नियमित समीक्षा की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बढ़ी हुई निधि (300 करोड़) का मुद्दा खंडपीठ द्वारा गठित समिति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, और फिलहाल सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य योजना के पहले चरण को समय पर पूरा करना है।
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इसके लिए निधि की कोई कमी नहीं है और निधि के अभाव में कोई भी काम रुका नहीं है। उलटा, अधिक कर्मचारी तैनात कर कार्यों में तेजी लाई जा रही है। श्रीकांत ने कहा कि अगर भविष्य में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को अतिरिक्त 300 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी, तो उसका प्रस्ताव पहले महापालिका के पास आएगा, उसके बाद उसे सरकार के पास भेजा जाएगा। “फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव प्रलंबित नहीं है, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया।
उन्होंने बताया कि योजना में प्रथम चरण में 200 एमएलडी पानी जायकवाडी बांध से लिफ्टिंग करने के लिए उसकी टेस्टिंग 25 दिसंबर से शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह तिथि कुछ आगे-पीछे हो सकती है, लेकिन तैयारियां अंतिम चरण में है। टेस्टिंग के लिए 20 से 25 दिन लगेंगे। वहीं, मुख्य पाइप लाइन का 99 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है प्रशासक के अनुसार केवल 130 मीटर हिस्सा शेष है। मुख्य पाइपलाइन से जुड़ने वाले 8 कनेक्शन पॉइंट अभी अधूरे हैं। पैठण रोड के टाकली फाटा क्षेत्र में सबसे कठिन कार्य हाल ही में पूरा किया गया है।
कुछ स्थानों पर बिजली कनेक्शन के मुद्दे लंबित थे, इसलिए अस्थायी रूप से पुरानी लाइन से ही बिजली कनेक्शन देकर काम पूर्ण किया गया है। छोटी-छोटी अंतिम कार्यवाही भी पूर्णता की ओर है। मनपा आयुक्त ने कहा कि शेष अत्यंत छोटे-छोटे कार्य भी सूचीबद्ध कर उनकी पूर्तता की प्रक्रिया जारी है, “अगर एक नट भी लगाना हो, तो उसकी भी सूची तैयार की जाए ऐसी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं प्रशासक ने बताया कि जॅकवेल पर पानी की मोटर स्थापित कर दी गई है। नक्षत्रवाडी एमबीआर (मुख्य भंडारण टैंक) का काम पूरा हो चुका है। जल शुद्धिकरण संयंत्र का सारा कार्य भी पूर्ण हो गया है। इस प्रकार, नई जलापूर्ति योजना अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।