
बिजली चोरी के खिलाफ अभियान तेज (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Amravati Power Theft: बिजली चोरी पर लगाम कसने के लिए महावितरण ने जिले में अभियान को और अधिक तेज कर दिया है। जिले में दो मुख्य उड़न दस्तों के साथ स्थानीय तथा विभागवार विशेष पथक तैयार किए गए हैं। आवश्यकता पड़ने पर पुलिस विभाग की मदद लेने के निर्देश भी दिए गए हैं। अप्रैल से नवंबर 2025 के आठ महीनों में जिले में 1,876 बिजली चोरी के मामले उजागर हुए हैं, जिनकी कुल राशि 7 करोड़ 47 लाख रुपये आंकी गई है। इन मामलों में 1,814 उपभोक्ताओं ने बिजली चोरी या मीटर से छेड़छाड़ की है।
वहीं 62 उपभोक्ताओं ने जिस कार्य के लिए बिजली आपूर्ति ली थी, उसका उपयोग न करते हुए उसे अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल कर महावितरण को नुकसान पहुंचाया है। कुल मिलाकर 32 लाख यूनिट बिजली चोरी पकड़ी गई, जिसकी आर्थिक किंमत दंड सहित 7 करोड़ 47 लाख 69 हजार रुपये है। महावितरण के मुख्य अभियंता अशोक सालुंके ने कहा कि यदि उपभोक्ता चोरी की राशि और दंड जमा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ विद्युत अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
बिजली मीटर में छेड़छाड़ करना विद्युत अधिनियम के अनुसार अपराध है। इसके तहत धारा 135 के अंतर्गत आपराधिक मामला दर्ज,मीटर रीडिंग की दोगुनी राशि की वसूली,औद्योगिक उपभोक्ता : 10,000 रुपये जुर्माना, वाणिज्यिक उपभोक्ता : 5,000 रुपये जुर्माना,कृषि उपभोक्ता : 1,000 रुपये जुर्मानाअन्य श्रेणी : 2,000 रुपये जुर्माना, विद्युत अधिनियम में सजा का प्रावधान, यदि बिजली चोरी का अपराध साबित होता है, तो 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। मीटर में छेड़छाड़ करने में सहायता या प्रेरित करने वालों पर धारा 150 के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
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बिजली चोरी से वितरण व्यवस्था पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे सुचारू विद्युत आपूर्ति बाधित होती है और महावितरण को कई करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है।
इसलिए महावितरण ने ‘एक्शन मोड’ में अभियान शुरू किया है और नागरिकों से अपील की है कि कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा न डालें और सहयोग करें।






