शिरसाठ परिवार पर लगाए आरोप महिला ने लिए वापस। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
छत्रपती संभाजीनगर: राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाठ के पुत्र सिद्धांत शिरसाठ पर एक महिला द्वारा शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न तथा धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया गया था। यह मामला जब सार्वजनिक हुआ तो समाज और राजनीति में इसकी काफी चर्चा होने लगी। हालांकि, आरोप लगने के कुछ ही घंटों के भीतर उस महिला ने अपने सभी आरोप वापस ले लिए और इस विवाद को एक निजी मसला बताते हुए अब इसे यहीं समाप्त करने की बात कही है।
महिला ने कहा कि उन्होंने संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजा था, लेकिन अब इस मामले को और आगे नहीं बढ़ाना चाहतीं। महिला ने स्पष्ट कहा, “मैं किसी पर भी कार्रवाई नहीं करना चाहती हूं। यह मामला मेरा व्यक्तिगत विषय था। मेरा निजी मामला राजनीतिक रंग में रंगा जा रहा है, जो मुझे उचित नहीं लगता। इसलिए मैंने जो नोटिस भेजी थी, उसे भी वापस ले लिया है।”
“मेरे इस फैसले पर मुझ पर कोई दबाव नहीं…’
महिला ने आगे कहा, “मेरे इस फैसले पर मुझ पर कोई दबाव नहीं है। यह पूरी तरह मेरा अपना निर्णय है। यह मामला मेरा पारिवारिक और व्यक्तिगत विवाद था, जिसे मैं सार्वजनिक विवाद में नहीं बदलना चाहती। मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह सोशल मीडिया पर इतनी तेजी से फैल जाएगा और राजनीतिक विरोधी इसे हथियार बना लेंगे।”
वह महिला यह भी कहती हैं कि सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और निजी बातें अनजाने में साझा की जा रही हैं, जिससे उन्हें बहुत परेशानी हो रही है। “कुछ लोग मेरी तस्वीरें और जानकारियां शेयर कर रहे हैं, जिनके खिलाफ मैं आवश्यक कानूनी कार्रवाई करूंगी,” उन्होंने कहा।
यह मामला सामने आने के बाद से राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर काफी हलचल मची थी। कई लोग इस विवाद को राजनीतिक मुद्दा बनाने लगे थे, जबकि अब इस विवाद को लेकर लगाई गई आग पर ठंडा पानी डालने का प्रयास हो रहा है। महिला के आरोप वापस लेने से स्पष्ट हो गया है कि यह एक निजी विवाद था, जिसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए