दीपमाला ने फिर रचा इतिहास (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Dipmala Salunkhe Amravati: 1971 के भारत-पाक युद्ध में लोंगेवाला बॉर्डर पर पंजाब रेजिमेंट की 23वीं बटालियन के 120 वीर जवानों ने पूरी रात पाकिस्तानी सेना के हजारों सैनिकों को रोके रखा था। उनके शौर्य को सलाम करते हुए वर्ष 2018 से बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन का आयोजन किया जा रहा है। इसी प्रतिष्ठित स्पर्धा में अमरावती की दीपमाला सालुंखे (बद्रे) ने 100 किमी की दौड़ सफलतापूर्वक पूरी कर एक बार फिर अमरावती का मान बढ़ाया है।
इस मैराथन का आयोजन द हेल रेस द्वारा 50 किमी, 100 किमी और 160 किमी वर्गों में किया जाता है। इस वर्ष स्पर्धा 6 दिसंबर को दोपहर 12 बजे जैसलमेर से शुरू होकर 7 दिसंबर 2025 को लोंगेवाला बॉर्डर पर समाप्त हुई। भारत के 1200 धावक इस प्रतियोगिता में शामिल हुए थे। अमरावती की 44 वर्षीय दीपमाला ने 100 किमी की चुनौतीपूर्ण दूरी 14 घंटे 50 मिनट में पूरी की, जो निर्धारित 16 घंटे की सीमा से पहले है। राजस्थान के कठिन और रेतीले भूभाग पर यह उपलब्धि हासिल कर वे अमरावती की पहली महिला धावक बन गई हैं, जिन्होंने बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन सफलतापूर्वक पूरी की है।
दीपमाला पूर्व में दक्षिण अफ्रीका की प्रसिद्ध 90 किमी कॉम्रेड मैराथन दो बार पूरी कर चुकी हैं। वर्ष 2024 में उन्होंने विश्व के सबसे अधिक ऊंचाई वाले मार्ग पर आयोजित 72 किमी खारदुंगला चैलेंज अल्ट्रा मैराथन भी पूरी की थी।इसके अलावा वे लगातार 12 घंटे दौड़ स्पर्धा, 42 किमी फुल मैराथन और अनेक हाफ मैराथन में भाग लेकर शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं।
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दीपमाला की इस सफलता पर अमरावती रोड रनर ग्रुप, टीम दोस्ती, अमरावती साइक्लिंग एसोसिएशन सहित विभिन्न संस्थाओं ने बधाई दी है। मैराथन की तैयारी के लिए उन्हें औरंगाबाद के आर्यन मैन प्रशांत राऊत का विशेष मार्गदर्शन मिला, जबकि अमरावती मैराथन एसोसिएशन के प्रमुख दिलीप पाटिल ने लगातार प्रोत्साहन दिया।