Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • हेल्थ
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
In Trends:
  • बिहार चुनाव 2025 |
  • बच्चू कडू नागपुर आंदोलन |
  • आज का मौसम |
  • Ind vs Aus |
  • महिला वर्ल्ड कप |
  • आज का राशिफल |
  • बिग बॉस 19
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

दादासाहब फाल्के का अजातशत्रू स्वभाव, CM फडणवीस ने स्मारक का किया लोकार्पण, CJI बोले- नियती की इच्छा

Dadasaheb Gavai memorial Amravati: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने पूर्व राज्यपाल दादासाहेब गवई के स्मारक का लोकार्पण किया। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल हुए।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Oct 31, 2025 | 10:25 AM

दादासाहब फाल्के स्मारक का लोकार्पण (सौजन्य-नवभारत)

Follow Us
Close
Follow Us:

Amravati News Maharashtra: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दादासाहेब गवई का जीवन कार्य समाज सुधार, समरसता और लोककल्याण के लिए समर्पित था। उनके जीवन पर आधारित पुस्तक भी हमने प्रकाशित की, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके विचारों से प्रेरणा लें, उन्होंने बताया कि दादासाहब गवई का व्यक्तित्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, भगवान बुद्ध, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज और गाडगेबाबा के विचारों से प्रेरित था।

वे जातिवाद, अंधश्रद्धा और समाज में फैली कुरीतियों के विरोधी थे। दादासाहेब एक ऐसे नेता थे जिनका कोई शत्रु नहीं था। वे हमेशा सभी दलों के साथ समान व्यवहार करते थे, और इसी कारण सभापति व उपसभापति जैसे पदों पर सर्वसम्मति से निर्वाचित होते थे। हम सबने मिलकर ठाना था कि दादासाहेब का स्मारक अमरावती में ही बने और आज यह सपना साकार हुआ है। स्मारक परिसर स्थित गैलरी में दादासाहेब के जीवन की तस्वीरें, भाषण और महत्वपूर्ण घटनाओं को एआई तकनीक से प्रदर्शित किया गया है। उनके कुछ भाषण उनके ही स्वर में सुनने को मिलते हैं।

CJI बनने के बाद स्मारक बनना नियति की इच्छा : गवई

पूर्व राज्यपाल दादासाहब गवई के स्मारक का उद्घाटन मेरे मुख्य न्यायाधीश बनने और देवेंद फडणवीस के मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ, क्योंकि ऐसा नियती की इच्छा थी। बहुत कम बच्चे इतने भाग्यशाली होते हैं कि अपने पिता के स्मारक के उ‌द्घाटन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हो पाते हैं। ऐसा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने कहा।

दिवंगत पूर्व राज्यपाल राष्ट्रीय उपाख्य दादासाहेब गवई के स्मारक का गुरुवार को उद्‌घाटन हुआ, वे उस समय बोल रहे थे। कार्यक्रम में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर, राज्यमंत्री आशीष जायसवाल, कमल गवई, सांसद बलवंत वानखडे, विधायक रवि राणा, प्रवीण तायडे, सुलभा खोडके के साथ-साथ जनप्रतिनिधि और जिले के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें – कोराडी पावर प्लांट: कोयला खत्म! सिर्फ 11 दिन का स्टॉक बचा, हाई कोर्ट ने टेंडर को दी हरी झंडी

दादासाहेब गवई ने डॉ. पंजाबराव देशमुख के खिलाफ पहला चुनाव लड़ा था। अमरावती शहर को अपर वर्धा बांध से जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जो संघर्ष किया गया था, उसमें दादासाहेब गवई, डॉ. देवीसिंह शेखावत और पूर्व विप सदस्य बी. टी. देशमुख का बड़ा योगदान था। अमरावती विवि की स्थापना में भी इन तीनों नेताओं की भूमिका रही है।

संवैधानिक मूल्यों की मजबूत नींव पर बना स्मारक : DCM शिंदे

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि दादासाहेब गवई का जीवन संघर्ष, सेवाभाव और आंबेडकरी विचारों की निष्ठा से प्रेरित था। राजनीति में उनका कोई गॉडफादर नहीं था, परंतु अपनी वक्तृत्वकला, कर्तृत्व और नेतृत्व के बल पर उन्होंने ऊंचाई हासिल की। गवई साहब ने दीक्षाभूमि के कार्य को गति दी और आज वह विश्वस्तर पर बौद्धों का तीर्थस्थल बन चुका है। नागपुर आने वाला कोई व्यक्ति दीक्षाभूमि गए बिना नहीं रहता। यह दादासाहेब के योगदान प्रमाण है। दादासाहेब ने कभी सत्ता को साध्य नहीं माना, सेवा को ही अपना धर्म समझा।

दादासाहब के विचारों से नई पीढ़ी को प्रेरणा: पवार

दादासाहेब गवई ने अपने संपूर्ण जीवन में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों को आचरण में उतारते हुए समाजसेवा की। दादासाहेब गवई 1964 में पहली बार विधान परिषद के सदस्य बने, और चार साल बाद वे उपसभापती व उसके बाद सभापती बने। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुझे भी 1990 में विधायक बनने के बाद उनके साथ काम करने का सौभाग्य मिला, यह मेरे जीवन का अभिमान है। दादासाहेब को राजनीति में कोई ‘गॉडफादर’ नहीं मिला, लेकिन कर्मवीर दादासाहेब गायकवाड़ उनके प्रेरणास्रोत थे।

Dadasaheb gavai smarak inauguration amaravati cm devendra fadnavis cji bhushan gavai

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 31, 2025 | 10:22 AM

Topics:  

  • Ajit Pawar
  • Amravati
  • BR Gavai
  • Devendra Fadnavis
  • Eknath Shinde
  • Maharashtra

सम्बंधित ख़बरें

1

E-Bus डिलीवरी में देरी, बेस्ट ने निजी कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी

2

मुंबई-अहमदाबाद हाईवे किनारे नशे की फैक्ट्रियाँ, अब मनपा की बड़ी कार्रवाई तय

3

मतदाता सूची से नाम गायब? दी गई चुनौती, हाई कोर्ट सख्त, कहा- जिला चुनाव अधिकारी करें जल्द निर्णय

4

सिरोंचा में शिक्षा विभाग का बंटाधार! 97 शिक्षक और 9 केंद्राध्यक्षों के पद वर्षों से खाली

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.