
स्मार्ट मीटर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mahavitaran Smart Meter Installation: महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (महावितरण) ने अमरावती संभाग में बिजली बिलिंग प्रणाली को पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। संभाग के कुल 15,965 सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट (टीओडी) मीटर लगाने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस नई व्यवस्था के लागू होने से न केवल बिजली बिल की त्रुटियां समाप्त होंगी, बल्कि उपभोक्ताओं को अपनी खपत पर सीधा नियंत्रण रखने की सुविधा भी मिलेगी।
महावितरण के अमरावती सर्कल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कुल स्थापित मीटरों में से अमरावती जिले में 7,706 सरकारी दफ्तरों को स्मार्ट मीटर से लैस किया गया है। वहीं, यवतमाल जिले में 8,259 सरकारी कार्यालयों में यह लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाले मीटर लगाए जा चुके हैं। प्राथमिक चरण में सरकारी कार्यालयों, शासकीय आवासों, मोबाइल टावरों और उन स्थानों को प्राथमिकता दी गई है जहाँ पुराने मीटर खराब स्थिति में थे। इसके साथ ही, अब नए बिजली कनेक्शनों और सोलर नेट मीटरिंग के लिए भी स्मार्ट मीटर का ही उपयोग किया जा रहा है।
स्मार्ट मीटर पूरी तरह से प्रमाणित और अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हैं। इन मीटरों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनकी रीडिंग हर महीने स्वचालित (ऑटोमैटिक) रूप से सिस्टम में दर्ज हो जाएगी। इससे ‘एवरेज बिजली बिल’, ‘रीडिंग न होना’ या ‘गलत मीटर रीडिंग’ जैसी पुरानी और जटिल समस्याएं पूरी तरह खत्म हो जाएंगी। अब उपभोक्ताओं को सटीक और समय पर बिल प्राप्त होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में इंसानी दखल की कोई गुंजाइश नहीं है, जिससे गड़बड़ी की संभावना शून्य हो जाती है।
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महावितरण ने स्पष्ट किया है कि ये मीटर तकनीक के स्तर पर बेहद उन्नत हैं। उपभोक्ता एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए हर घंटे अपनी बिजली की खपत को ट्रैक कर सकते हैं। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि किस समय बिजली का उपयोग अधिक हो रहा है, जिससे वे अपनी खपत को नियंत्रित कर बिजली बिल में कटौती कर सकते हैं। यह तकनीक उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक रूप से बेहद फायदेमंद साबित होने वाली है।
मुख्य अभियंता अशोक सालुके ने जानकारी दी कि खेती-बाड़ी श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी उपभोक्ताओं के लिए चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये मीटर पूरी तरह मुफ्त लगाए जा रहे हैं और इसका आर्थिक बोझ बिजली उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। सालुके ने सभी नागरिकों और उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर अभियान में सहयोग करने की अपील की है ताकि समूचे संभाग की विद्युत प्रणाली को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाया जा सके।






