
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स:सोशल मीडिया )
Amravati Municipal Corporation News: आगामी सार्वत्रिक चुनावों की तैयारियों के अंतर्गत अमरावती मनपा के प्रभागनिहाय आरक्षण का अंतिम प्रारूप गुरुवार को घोषित किया गया। नगर विकास विभाग, राज्य निर्वाचन आयोग और महानगरपालिका प्रशासन की मंजूरी के बाद यह अधिसूचना जारी की गई है।
नागरिकों द्वारा दर्ज की गई आपत्तियों और सुझावों के अध्ययन के बाद महापालिका आयुक्त सौम्या शर्मा ने अंतिम आरक्षण अधिसूचित किया। मनपा के कुल 22 प्रभागों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सर्वसाधारण प्रवर्गानुसार आरक्षण तय किया गया है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए बड़ी संख्या में सीटें आरक्षित रखकर सामाजिक संतुलन साधने का प्रयास किया गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार 12 नवंबर 2025 को आरक्षण का ड्रा निकाला गया था। इसके बाद 17 से 24 नवंबर 2025 के बीच नागरिकों से आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित किए गए थे। प्राप्त सभी आपत्तियों पर विचार कर आरक्षण का अंतिम प्रारूप तैयार किया गया।
महापालिका चुनाव के आरक्षण में महिलाओं को लगभग सभी प्रवर्गों में उल्लेखनीय प्रतिनिधित्व मिला है। अनुसूचित जाति व पिछड़ावर्गीय प्रवर्गों में भी महिलाओं के लिए अधिक सीटें आरक्षित की गई हैं, जिससे कुल आरक्षण में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 50% के आसपास पहुंच गया है। इसे महिला नेतृत्व को प्रोत्साहन देने वाला सकारात्मक निर्णय माना जा रहा है। अंतिम आरक्षण घोषित होने के बाद अब चुनावी हलचलों में तेजी आएगी और प्रभागनिहाय नए समीकरणों को लेकर चर्चाओं में गति आएगी।
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अमरावती में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या अपेक्षाकृत कम होने के बावजूद उन्हें 02 सीटें आरक्षित दी गई हैं, जिनमें से 01 सीट महिलाओं के लिए रखी गई है। इसके चलते कुछ क्षेत्रों में असंतोष की संभावना व्यक्त की जा रही है।
अन्य पिछड़ावर्गीय प्रवर्ग को सर्वाधिक 23 सीटें मिली हैं, जिनमें से 12 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। यह शहर में इस प्रवर्ग की जनसंख्या व सामाजिक प्रतिनिधित्व को दर्शाता है।
| प्रवर्ग | कुल सीटें | महिला आरक्षित |
|---|---|---|
| अनुसूचित जाति (SC) | 15 | 08 |
| अनुसूचित जनजाति (ST) | 02 | 01 |
| पिछड़ावर्गीय प्रवर्ग (OBC) | 23 | 12 |
| सर्वसाधारण | 47 | 23 |
अंतिम आरक्षण घोषित होने के बाद अब राजनीतिक पार्टियों की उम्मीदवार सूची में बड़े बदलाव होने की संभावना है। महिलाओं के बढ़ते आरक्षण, पिछड़ावर्गीय प्रभागों की संख्या और अनुसूचित जातियों के प्रभागों का वितरण यह तीनों आगामी महापालिका चुनाव को और भी दिलचस्प बनाएंगे।






