डिजिटल अरेस्ट (सौ. सोशल मीडिया )
Amravati Digital Arrest Case: शहर के मोती नगर परिसर के प्रसाद कॉलोनी निवासी 71 वर्षीय वकील को टेलिकॉम रेगुलेटरी एथोरिटी ऑफ इंडिया में आपके खिलाफ एफआईआर रहने और डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर 31 लाख 50 हजार रुपए से ऑनलाइन ठगी की थी।
इस मामले में साइबर सेल पुलिस ने ठगी के 24 लाख रुपए वापिस लेकर वकील को दिए है। जानकारी के अनुसार वकील रामपाल भीकमचंद कलंत्री (71) को 25 सितंबर 2025 को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर खुद को टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से राहुल कुमार बताकर संपर्क किया।
उसने बताया कि आपके के खिलाफ एफआईआर दर्ज है और उन पर लोगों को परेशान करने तथा अवैध संदेश भेजने का आरोप है। इसके बाद आरोपी ने एक अन्य व्यक्ति नरेश गोयल के नाम से जुड़ा 25 ला ख रुपये के फर्जी कमीशन घोटाले की कहानी गढ़ी।
वकील को अगर वे तुरंत पैसे नहीं जमा करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा, और अगर निर्दोष साबित हुए तो पैसे वापस मिल जाएंगे, यह कहकर धमकाया। पीड़ित को सरकारी विभागों की तरह दिखने वाले नकली दस्तावेज़ और पत्र भी व्हाट्सऐप पर भेजे गए, जिससे उनके मन में भय पैदा हुआ। इसके बाद वकील से विभिन्न खातों में कुल 31 लाख 50 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए गए।
सायबर पुलिस ने तकनीकी जांच के माध्यम से पता लगाया कि इस रकम में से 24 लाख रुपए आईसीआईसीआई बैंक में ट्रांसफर हुए थे। पुलिस ने तत्काल बैंक को पत्र भेजकर संबंधित खाते को फ्रीज करवाया। मामले को अदालत में समय पर प्रस्तुत कर आदेश प्राप्त करने के बाद 21 अक्टूबर 2025 को वह 24 लाख रुपए की राशि वकील के बैंक खाते में वापस जमा कराई गई। उक्त कार्रवाई पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया, उपायुक्त रमेश धुमाल, सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी बचाटे, पुलिस निरीक्षक महेंद्र अंभोरे के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक प्रियंका कोटावार, अनिकेत कासार, उल्हास टवलारे, निखील माहुरे, अपर्णा बंडे, अनिकेत वानखडे, करण बोरकुटे, सुषमा आठवले ने की।
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डिजिटल अरेस्ट जैसी नई ठगी तकनीकों से लोग अक्सर डरकर पैसा भेज देते हैं। किसी भी सरकारी या बैंक अधिकारी के नाम पर आने वाले ऐसे कॉल या संदेशों पर भरोसा न करें और तुरंत सायबर हेल्पलाइन या स्थानीय पुलिस से संपर्क करें।
– महेंद्र अंभोरे, पीआई, साइबर थाना