शस्त्र लाइसेंस (फाइल फोटो)
Amravati News: अमरावती जिले के नागरिकों में आत्मरक्षा और कृषि सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने की परंपरा जारी है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 363 और शहर में 369 कुल 732 शस्त्र लाइसेंस नागरिकों के पास हैं। इसमें पिस्तौल, रिवॉल्वर या राइफल के लाइसेंस मुख्य रूप से आत्मरक्षा के लिए जारी किए जाते हैं। जबकि 12 बोर बंदूक के लाइसेंस मुख्य रूप से कृषि सुरक्षा के लिए जारी किए जाते हैं।
शहर पुलिस आयुक्तालय की जानकारी के अनुसार, शहर के 369 शस्त्र लाइसेंसों में से 33 को रद्द करने की प्रक्रिया कुछ महीने पहले शुरू की गई थी। नियमों का पालन न करने, लाइसेंस का नवीनीकरण न कराने, शस्त्र खरीदी न करने या लाइसेंस धारक के खिलाफ कोई अपराध दर्ज होने जैसे कारणों से यह कार्रवाई की गई थी। इनमें से 9 पिस्तौल के लाइसेंस पहले ही रद्द कर दिए गए थे। जबकि बाकी मामलों पर कार्रवाई शुरु थी।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शस्त्र लाइसेंस पाने वालों में व्यापारी, ठेकेदार, डॉक्टर, कुछ जनप्रतिनिधि और किसान शामिल हैं। व्यापारियों और उच्च वर्ग में आत्मरक्षा के लिए पिस्तौल-रिवॉल्वर के लाइसेंस लेने का क्रेज है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में किसान अपने खेतों की सुरक्षा के लिए 12 बोर बंदूक के लाइसेंस लेते हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कड़े नियमों और दस्तावेजों के सत्यापन के कारण कई नए लाइसेंस लंबित हैं।
शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय स्थित शस्त्र लाइसेंस विभाग में आवेदन करना होता है। उसके बाद ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा आवेदक की जांच और अनुशंसा की जाती है। अंत में जिलाधीश इस संबंध में अंतिम निर्णय देते हैं। वहीं शहर पुलिस आयुक्तालय में भी शस्त्र लाइसेंस विभाग है। वहां भी आवेदन और जानकारी उपलब्ध है।
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अगर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले नागरिकों को शस्त्र लाइसेंस चाहिए, तो उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा। उसके बाद ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से जांच कर एनओसी दी जाती है।