भारतीय रेलवे, (फाइल फोटो
Akola News In Hindi: दिवाली से पहले ही रेलवे आरक्षण पूरी तरह भर चुका है, जिससे टिकटों के कालेबाजार को खुली छूट मिलने की आशंका जताई जा रही है। जैसे ही रेलवे आरक्षण खुलता है, कुछ ही समय में बुकिंग साइट पर “फुल” दिखने लगता है।
इससे आम नागरिकों को आरक्षण प्राप्त करना कठिन हो गया है और उन्हें मजबूरी में निजी परिवहन सेवाओं का सहारा लेना पड़ रहा है। इस स्थिति का फायदा उठाकर ट्रैवल्स संचालकों ने किराए में भारी वृद्धि कर दी है।
भारतीय रेलवे के नए नियमों के अनुसार अब यात्रा की तारीख से 60 दिन पहले टिकट बुक किया जा सकता है। यह नियम 1 नवंबर 2024 से लागू किया गया है, जबकि पहले यह अवधि 120 दिन थी। वर्तमान में 24 अक्टूबर तक की टिकट बुकिंग चालू है, लेकिन पुणे से चलने वाली किसी भी ट्रेन में टिकट उपलब्ध नहीं है। पुणे से नागपुर होते हुए हावड़ा जाने वाली सभी ट्रेनों में 21 अक्टूबर तक “रिग्रेट” दिख रहा है और 24 अक्टूबर तक वेटिंग लिस्ट ही दिखाई दे रही है।
पश्चिम विदर्भ के हजारों विद्यार्थी शिक्षा के लिए पुणे में रहते हैं, साथ ही कई लोगों को वहां रोजगार भी मिला है। दिवाली की छुट्टियां 18 अक्टूबर से शुरू हो रही हैं, जिसके चलते टिकटों की मांग बढ़ गई है। लेकिन आईआरटीसी वेबसाइट पर टिकट मिलना लगभग असंभव हो गया है।
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जैसे ही दिवाली पूर्व आरक्षण खुलता है, टिकटों के कालेबाजार में सक्रिय एजेंट तुरंत बुकिंग शुरू कर देते हैं। जानकारों के अनुसार, एजेंट अलग-अलग नामों से टिकट बुक करते हैं और बाद में उन्हें ऊंचे दामों पर बेचते हैं। इस पर कोई नियंत्रण न होने के कारण यह अवैध व्यापार तेजी से फैलता जा रहा है। रेलवे विभाग द्वारा इस पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे आम यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।