मुर्तिजापुर पंचायत समिति
Akola News In Hindi: विकसित भारत 2047 का सपना साकार करने की दिशा में जहां योजनाएं बनाई जा रही हैं, वहीं मुर्तिजापुर तहसील की 32 ग्राम पंचायतें आज भी पंद्रहवें वित्त आयोग के फंड की प्रतीक्षा में हैं।
तहसील की कुल 86 ग्राम पंचायतों में से 32 को वर्ष 2024-25 की दो किस्तें अब तक प्राप्त नहीं हुई हैं, जिससे गांवों का विकास कार्य ठप पड़ा है और ग्राम पंचायतें आर्थिक संकट में फंसी हैं। गांवों में पेयजल योजना, नालियों की सफाई, सड़कों की मरम्मत, स्कूल परिसर की सुविधाएं और ग्राम स्वच्छता अभियान जैसे कई कार्य इस फंड पर निर्भर हैं।
फंड न मिलने से कई योजनाएं अधर में लटक गई हैं। ग्राम पंचायतों के सरपंचों का कहना है कि रोज़ ग्रामीणों द्वारा पूछा जाता है कि विकास कार्य कब शुरू होंगे और फंड कब मिलेगा, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई स्पष्टता नहीं है।
एक सरपंच ने नाराजगी जताते हुए कहा, “अगर सरकार समय पर फंड उपलब्ध नहीं कराता, तो गांवों का विकास सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह जाएगा।” ग्रामवासियों का भी कहना है कि उन्हें सरकार से स्थिर और समयबद्ध फंड की अपेक्षा है, अन्यथा गांवों की प्रगति रुक जाएगी।
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इस संदर्भ में मुर्तिजापुर पंचायत समिति के खंड विकास अधिकारी, मिलींद मोरे ने जानकारी देते हुए कहा, “पंद्रहवें वित्त आयोग का फंड सीधे केंद्र सरकार से आता है। कुछ तकनीकी कारणों और ऑनलाइन प्रक्रिया में हुई देरी के चलते कुछ ग्राम पंचायतों की दो किस्तें रोकी गई हैं। हालांकि संबंधित प्रस्ताव पहले ही भेजे जा चुके हैं। सरकार स्तर से प्राप्त होते ही फंड ग्राम पंचायतों को वितरित कर दिया जाएगा।” अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि ये फंड कब जारी होता है और रुके हुए विकास कार्यों को कब गति मिलती है। ग्रामीणों की उम्मीदें शासन की तत्परता पर निर्भर हैं।