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विदर्भ में कपास पर आकस्मिक मर रोग का प्रकोप, अतिवृष्टि के बाद कपास उत्पादन पर संकट

Vidarbha News: पश्चिम विदर्भ के अधिकांश हिस्सों में भारी वर्षा दर्ज की गई। इस अतिवृष्टि के कारण खेतों में लंबे समय तक पानी जमा रहा, जिससे कपास सहित अन्य खरीफ फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Aug 18, 2025 | 04:29 PM

विदर्भ में कपास पर आकस्मिक मर रोग का प्रकोप (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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Akola News: विदर्भ सहित महाराष्ट्र के कपास पट्टे में बीते दस–बारह दिनों के सूखे के बाद पिछले दो–तीन दिनों में पश्चिम विदर्भ के अधिकांश हिस्सों में भारी वर्षा दर्ज की गई। इस अतिवृष्टि के कारण खेतों में लंबे समय तक पानी जमा रहा, जिससे कपास सहित अन्य खरीफ फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। विशेष रूप से कपास की फसल में आकस्मिक मर (Parawilt) रोग के लक्षण तेजी से सामने आ रहे हैं।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, कपास के खेतों में पानी भरने से जड़ों में सड़न शुरू हो जाती है, जिससे आकस्मिक मर रोग का प्रकोप होता है। यह रोग किसी जीवाणु, विषाणु या फफूंदी से नहीं होता, बल्कि लंबे सूखे के बाद अचानक भारी वर्षा और भूमि में अत्यधिक नमी के कारण उत्पन्न होता है। इस रोग में कपास के हरे-भरे पौधे अचानक मुरझा जाते हैं, नीचे की ओर झुकते हैं और पत्तियां झड़ने लगती हैं। 36 से 48 घंटे के भीतर इसके लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते हैं, जिससे उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका है।

कृषि विवि ने दिए तात्कालिक प्रबंधन के सुझाव

डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय, अकोला के कपास अनुसंधान विभाग के विशेषज्ञ डॉ.संजय काकडे ने आकस्मिक मर रोग की रोकथाम के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं। जैसे-पानी भरे खेतों में झुक चुके पौधों को मिट्टी का सहारा देकर सीधा करें और जड़ों को दबाएं। खेत से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें। पौधों के आसपास की मिट्टी को दबाकर स्थिरता प्रदान करें।

कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (25 ग्राम), यूरिया (150 ग्राम) और सफेद पोटाश (100 ग्राम) को 10 लीटर पानी में मिलाकर प्रति पौधा 100 मिली द्रावण की ड्रेंचिंग करें। वैकल्पिक रूप से 1 किलो 13:00:45, 2 ग्राम कोबाल्ट क्लोराइड, 250 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड को 200 लीटर पानी में मिलाकर ड्रेंचिंग करें। इसी तरह सभी उपाय 24 से 48 घंटे के भीतर करना आवश्यक है ताकि नुकसान को रोका जा सके। खेतों में दरारें न पड़ें, इसके लिए समय-समय पर मिट्टी का भराव करें।

ये भी पढ़े: वेतन समानता के नहीं सुलझे दावे, सरकारी वकीलों के कार्यालयों में कर्मचारियों को लेकर खुलासा

किसानों से सतर्कता की अपील

कृषि विशेषज्ञों ने किसानों से अपील की है कि वे अपने कपास खेतों की नियमित निगरानी करें और आकस्मिक मर के लक्षण दिखते ही तात्कालिक उपाय अपनाएं। समय पर हस्तक्षेप से उत्पादन को बचाया जा सकता है और आर्थिक नुकसान से राहत मिल सकती है।

Sudden wilting of cotton in vidarbha

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Published On: Aug 18, 2025 | 04:29 PM

Topics:  

  • Akola News
  • cottn price hike. cotton price
  • imd alert rainfall
  • Vidarbha Farmers

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